RBI News : 5000 और 10,000 के नोट को लेकर आई बड़ी अपडेट, जानें ये बातें
आज हम भारत में चलने वाले पुराने नोटों पर चर्चा करेंगे। भारत में 5 हजार और 10 हजार के नोट एक समय चलते थे। 5 हजार और 10 हजार के नोटों को बंद करने की वजह नीचे बताई गई है।
2000 रुपये का नोट भारतीय रिजर्व बैंक ने चलन से बाहर कर दिया है। 30 सितंबर 2023 के बाद इसे बदलने की अनुमति नहीं होगी। रिजर्व बैंक ने बैंकों को इसे देने से मना कर दिया है। अभी भी ये लीगल टेंडर रहेंगे। 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के बाद 2000 रुपये के नोट जारी किए गए। यह अब सर्कुलेशन से बाहर है।
यह पहली बार नहीं है कि कोई नोट चलन से बाहर किया गया है। लीगल टेंडर या चलन में मौजूद नोटों से जुड़े निर्णय इससे पहले भी लिए गए हैं। 2000 रुपये के नोट से संबंधित निर्णय नोटबंदी के तहत नहीं आता है। सिर्फ इसे चलन से हटाया गया है।
5000 और 10,000 रुपये के नोट कभी चलते थे।
1978 में मोरारजी देसाई सरकार ने देश में काले धन को खत्म करने और अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए नोटबंदी की घोषणा की। अखबारों में छपी खबरों के अनुसार, लोगों को उस समय बहुत मुसीबत का सामना करना पड़ा था। मोरारीजी सरकार ने बड़े नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था। जनता पार्टी की सरकार ने एक हजार रुपये, पांच हजार रुपये और दस हजार रुपये की नोटबंदी लागू की थी।
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आजादी से पहले नोटबंदी हुई थी
आजादी से पहले देश में पहली बार नोटबंदी लागू की गई थी। 12 जनवरी 1946 को, भारत के वायसराय और गर्वनर जनरल सर आर्चीबाल्ड ने हाई करेंसी वाले बैंक नोटों को डिमोनेटाइज करने का आदेश दिया। ठीक 13 दिन बाद, 26 जनवरी 12 बजे, ब्रिटिश काल में 500, 1000 और 10,000 रुपये के नोटों की वैधता खत्म हो गई। इतिहासकारों ने कहा कि सरकार ने सौ से अधिक नोट बंद कर दिए क्योंकि व्यापरियों ने विदेशों से पैसे चोरी कर रहे थे।
1938 में 10 हजार के नोट छपे
रिजर्व बैंक ने 10 हजार रुपये के नोट छापे। 10 रुपये और 5 रुपये के नोट भी छापे गए थे। इसी वर्ष 5 रुपये का पहला पेपर नोट छापा गया था। 1946 में एक हजार और दस हजार रुपये के नोट बंद कर दिए गए। 1954 में फिर 1000 रुपये और 5000 रुपये के नोट छापे गए। इसके बाद 5000 रुपये के नोट भी छापे गए, लेकिन दोनों को 1978 में बंद कर दिया गया।
2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद हुए
8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के बाद दो हजार रुपये का नोट जारी किया गया। 500 रुपये के नए नोट भी जारी किए गए। ये निर्णय काले धन के खिलाफ थे। उस समय लोगों को नोट बदलने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। 2000 के नोट अब चलन से बाहर हैं।