RBI News : RBI के ने दी बड़ी अपडेट, इन बैंकों पर कर सकते है आँख बंद करके भरोसा 

India के सबसे सुरक्षित बैंक: भारत के तीन बैंकों को D-SIB लिस्ट में रखा गया है। ऐसे बैंक में आपका अकाउंट होने पर आपका धन पूरी तरह सुरक्षित है। सरकार बैंकों को डूबने नहीं दे सकती और यह भी नहीं कर सकती।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

पिछले कुछ वर्षों में भारत में बहुत से लोग बैंकों से जुड़े हैं। केंद्रीय नरेंद्र मोदी सरकार की प्रधान मंत्री जन-धन योजना, सब्सिडी का पैसा सीधे बैंक खाते में आने और लोगों में बढ़ी जागरूकता से बैंक खाताधारकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। देश में बैंकों में रखे पैसे को लोग सुरक्षित समझते हैं। बैंक एफडी, लोगों की इसी धारणा के कारण एक लोकप्रिय निवेश विकल्प बन गया है। बैंकों में रखा धन नहीं डूबता। बैंक भी गिर जाते हैं। 2023 में चार अमेरिकी बैंक डूब गए। भारत का बैंकिंग सिस्टम मजबूत होने से ऐसी कोई आशंका नहीं दिखाई देती। लेकिन आप जानते हैं कि भारत में तीन बैंक हैं जो कभी नहीं डूबेंगे और सरकार उन्हें डूबने नहीं देगी।

इसका अर्थ यह है कि इन बैंकों में रखे पैसे को अभी रत्तिभर भी खतरा नहीं है। इनमें से दो सरकारी और दो निजी बैंक भारत के सबसे सुरक्षित बैंकों में शामिल हैं। भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक और HDFC बैंक देश के जिन बैंकों के डूबने की संभावना बिल्कुल नहीं है, भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है। इन तीनों बैंकों को D-SIB, जिसका अर्थ है डोमेस्टिक सिस्टमेटिकली इम्पॉर्टेंट बैंक, का दर्जा प्राप्त है। इसका अर्थ है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए इन बैंकों का डूबना सरकार कतई बर्दाश् त नहीं कर सकती। इनके डूबने से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इनकी बैंक्स को "ठू बिग टू फेल" (Too big To Fail) कहा जाता है।

2015 से D-SIB लिस्ट को आरबीआई ने बाहर निकाला

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2008 की आर्थिक मंदी के बाद बैंकों को D-SIB घोषित करने का प्रणाली शुरू हुई। तब बहुत से देशों के बड़े बैंक डूब गए, जो लंबे समय तक आर्थिक संकट में डाल दिया। 2015 से RBI हर साल D-SIB की सूची बनाता है। 2015 और 2016 में D-SIB केवल SBI और ICICI बैंक थे। 2017 से, HDFC भी इस लिस्ट में है। RBI कड़े नियमों से सुनिश्चित करता है कि D-SIB वाले बैंक हर तरह की आर्थिक आपातकाल के लिए तैयार हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक देश के सभी बैंकों को सिस्टम इम्पॉर्टेंस अंक देता है जो उनके कस्टमर बेस और प्रदर्शन पर निर्भर करता है। D-SIB के तौर पर सूचीबद्ध होने के लिए किसी बैंक की संपत्ति राष्ट्रीय जीडीपी के 2% से अधिक होनी चाहिए। D-SIB को बैंक के आधार पर पांच अलग-अलग बकेट्स में रखा जाता है। फाइव बैंक सबसे अधिक इम्पॉर्टेंट बैंक है, जबकि वन बैंक सबसे कम इम्पॉर्टेंट है। SBI अभी बकेट थ्री पर है, जबकि HDFC और ICICI बैंक अभी बकेट वन पर हैं।

D-SIB के लिए विशिष्ट प्रक्रियाएं आवश्यक हैं


भारतीय रिजर्व बैंक डी-सिब बैंकों पर कड़ी निगरानी रखता है। इन बैकों को बाकी बैंकों की तुलना में अधिक कैपिटल बफर रखना होगा, ताकि वे बड़ी आपातकालीन परिस्थितियों या घाटा होने पर भी इससे निपट सकें। ऐसे बैंकों को कैपिटल बफर के अलावा कॉमन इक्विटी टियर 1 (CET1) कैपिटल नामक एक एडिशनल फंड भी रखना होगा। SBI को रिस्क वेटेट एसेट (RWA) का 0.60 प्रतिशत CET1 कैपिटल के तौर पर रखना चाहिए, वहीं ICICI और HDFC बैंक्स को 0.20 प्रतिशत एडिशनल CET1 के तौर पर रखना चाहिए, RBI की नवीनतम गाइडलाइन के अनुसार।