RBI News : RBI गवर्नर ने महंगाई को लेकर किया बड़ा ऐलान, जानिए सबसे बड़ी खबर 

महंगाई की आशंका को लेकर एक महीने में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दूसरी बार चेतावनी दी है। वहीं बैंकों को अधिक लोन नहीं देने की भी सलाह दी गई है।

 

महंगाई को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बार फिर चेतावनी दी है। आरबीआई के लक्ष्य से महंगाई अभी भी अधिक है, उन्होंने कहा। यही कारण है कि महंगाई को लेकर हम सतर्क हैं और आगे भी इस पर ध्यान देंगे। उन् होंने कहा कि खुदरा महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। महंगाई को कम करने के बजाय ग्रोथ पर अधिक ध्यान दिया गया है। महंगाई राजनीतिक नीति में सबसे अधिक चर्चा का विषय है। हालाँकि, खाने की महंगाई (Food Inflation) अभी भी चिंता का विषय है, जो भारत सहित अन्य देशों में भी आम है। 


भारत मौसम की घटनाओं और वैश्विक कारकों से खाद्द कीमतों के झटकों से चिंतित है, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा। दास ने बैंकरों के एक सम्मेलन में कहा कि महंगाई में कमी आई है, लेकिन MPC को सतर्क रहना चाहिए। यह दूसरी चेतावनी है जो RBI गवर्नर ने महंगाई के एक महीने के दौरान दी है। 8 नवंबर को जापान में शक्तिकांत दास ने चिंता व्यक्त की थी। 

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वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि वह विकास के बारे में आशावादी है, लेकिन महंगाई को लेकर सतर्क है। सरकार को उम्मीद है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव् यवस् था में मांग और कीमतों में बड़ी गिरावट हो सकती है। वहीं, दास ने कहा कि बैलेंसशीट मजबूत करने और महंगाई लक्ष्य पर पूरी नजर है। 

बैंकों को अधिक लोन क्यों नहीं देना चाहिए 
आरबीआई गवर्नर ने बैंकों के रिस्क पर बात करते हुए कहा कि बैंकों और NBFC को स् ट्रेस टेस्टिंग जारी रखनी चाहिए। एसेट लाइबिलिटी प्रबंधन मजबूत होना चाहिए। लोन की अवधि कुछ लेनदारों ने बढ़ा दी है। ऐसे में बैंकों को जीवनकाल को बचाने के लिए अधिक लोन नहीं देना चाहिए। 

सितंबर महंगाई आंकड़े बताते हैं कि सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण भारत की खुदरा महंगाई 5.02% पर आ गई, जो तीन महीने के निचले स्तर पर है। लेकिन ये अभी भी लक्ष्य से चार प्रतिशत अधिक हैं। अक्टूबर में कंज् यूमर इंफ्लेशन लक्ष्य के लगभग 4.87% पर पहुंच गई, जो चार महीने का निचला स्तर था। अक्टूबर में खाद्य और पेय पदार्थों की महंगाई पिछले महीने की तुलना में 6.24% पर बनी हुई है। पिछली चार बैठकों में केंद्रीय बैंक ने नीति दर को नहीं बदला है। 2023-24 में औसत इंफ्लेशन 5.4 प्रतिशत रहेगा, जो पिछले वित्त वर्ष की महंगाई दर से कम है।