RBI Scheme : EMI भरने वालों के लिए खुशखबरी, अब खत्म होंगे सब झंझट 

हाल ही में कई उदाहरण सामने आ चुके हैं कि लोन ऐप के शिकंजे में कोई व्यक्ति कैसे बर्बाद हो जाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
 

भोपाल में एक खुशहाल परिवार इस कर्ज के जाल में फंस गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत देने के लिए नई निर्देश जारी किए हैं, जो लोन भुगतान में देरी पर लगाई जाने वाली पेनल्टी को नियंत्रित करेंगे। ग्राहकों को इसके तहत कर्ज चुकाने से चूकने पर पेनल्टी नहीं देनी होगी। आरबीआई के दिशा-निर्देशों को विस्तार से जानें...।

आरबीआई ने पेनल्टी कानून बदले


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को नए नियम जारी करते हुए कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की ओर से रेवेन्यू बढ़ाने के साधन के रूप में दंडात्मक ब्याज (Penal Interest) का उपयोग करने की लंबे समय से जारी परंपरा से चिंतित है. बैंकों को कर्ज भुगतान में चूक के मामले में केवल "उचित" दंडात्मक केंद्रीय बैंक ने लोन खातों पर जुर्माना लगाने पर रोक लगा दी है। 

1 जनवरी 2024 से नए नियमों को लागू किया जाएगा


भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कहा कि 1 जनवरी, 2024 से लोन अकाउंट में दंडात्मक शुल्क (Penal Charges) के संबंध में दिशा-निर्देश लागू होंगे। आरबीआई द्वारा नियंत्रित सभी बैंकिंग संस्थाओं पर ये नए नियम लागू होंगे। इनमें सभी कॉमर्शियल बैंक, सहकारी बैंक, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी (NABFID) जैसे अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान शामिल हैं।


क्रेडिट कार्ड पर नए नियम


रिजर्व बैंक ने जनवरी 2024 से बैंकों और अन्य ऋणदाताओं को पेनल्टी लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि लोन लेने वाले से ऋण अनुबंध के नियमों और शर्तों का पालन नहीं करने पर लगाया गया जुर्माना अब "दंडात्मक शुल्क" माना जाएगा. इसे अग्रिमों पर लगाए जाने वाले ब्याज की दर में नहीं जोड़ा जाएगा। हालाँकि, ये नवीनतम निर्देश बिजनेस क्रेडिट और क्रेडिट कार्ड पर लागू नहीं होंगे।

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आरबीआई की हाल की निर्देशों को देखते हुए, आपको बता दें कि अगर कोई ग्राहक अपनी देय किस्त या EMI का समय पर भुगतान नहीं करता, तो लोन पर जुर्माना लगाया जाएगा। मतलब अगर अगस्त महीने के लिए लोन लेने वाले व्यक्ति का EMI 10 प्रतिशत ब्याज दर पर 1,000 रुपये है। इसलिए, समय पर भुगतान नहीं करने पर उन्हें प्रति वर्ष 24 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज या दंडात्मक ब्याज देना होगा। यह मासिक 2 प्रतिशत होगा, जो पहले से देय 10 प्रतिशत ब्याज के अतिरिक्त होगा।

अब आरबीआई ने संशोधित नियमों के अनुसार, समय पर लोन की EMI का भुगतान नहीं करने पर 2 फीसदी का पेनल इंटरेस्ट पेनल चार्ज में बदल जाएगा। इसमें कर्जदार की ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक नहीं होगा। गौरतलब है कि इस साल अप्रैल 2023 में रिजर्व बैंक ने दंडात्मक दंड के लिए एक मसौदा जारी किया था। हालाँकि, इससे चक्रवृद्धि ब्याज की आम प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।


ग्राहकों की निरंतर शिकायतें


रिजर्व बैंक की अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि रिजर्व बैंक से नियंत्रित कई इकाइयां कर्जदारों से भुगतान नहीं करने पर दंडात्मक ब्याज दरों, या दंडात्मक ब्याज दरों, का उपयोग करती हैं। ग्राहक इस संबंध में लगातार शिकायतें कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने नियमों को संशोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि दंडात्मक ब्याज या शुल्क लगाने का लक्ष्य अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना पैदा करना चाहिए और शुल्क को राजस्व बढ़ाने के साधन के रूप में सिर्फ अनुबंधित ब्याज दर से अधिक नहीं किया जाना चाहिए।


ये निर्देश केंद्रीय बैंक ने जारी किए   


आरबीआई ने पेनल्टी से राहत देने के अलावा, अपने नए दिशा-निर्देशों में विनियमित संस्थाओं (RE) को ऋण पर दंडात्मक शुल्क या इसी तरह के शुल्क को मंजूरी देने के लिए एक बोर्ड बनाने की अनुमति दी जाएगी. शुल्क, चाहे उसका नाम क्या हो। मुख्य नियमों और शर्तों/मुख्य तथ्य विवरण (KFS) और लोन एग्रीमेंट में आरईएस द्वारा ग्राहकों को दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण स्पष्ट होना चाहिए।


आरईएस वेबसाइट पर भी इसे ब्याज दरों और सेवाओं के तहत प्रदर्शित किया जाएगा। यही नहीं, उधारकर्ताओं को लोन के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन नहीं करने पर रिमाइंडर भेजे जाएंगे। दंडात्मक शुल्क लगाने के कारण भी बताए जाएंगे।