Success Story : नौकरी छोड़ दूध का कारोबार किया शुरू, आज है करोड़ो का मालिक 

Delhi-NCR में मिलावटी दूध की समस्या से खुद जूझ रहे थे। यहीं से उन्हें अपने कारोबार का विचार मिला और अब वे देश के पंद्रह शहरों में दूध और अन्य दैनिक आवश्यकताओं की आपूर्ति कर रहे हैं। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए निरंतर खबरों के साथ।
 

कहते हैं कि किस्मत लिखती है। फिर चाहे आप कितनी भी कोशिश करते हैं, वह नहीं मिलता। हरियाणा में रहने वाले चक्रधर गडे के घरवालों को पता नहीं था कि उनके शिक्षित बेटे, जिसने स्वयं आईआईएम की डिग्री हासिल की, अच्छी नौकरी छोड़कर दूध बेचने लगा। घरवाले शुरुआत में परेशान हुए, लेकिन वे अपने बेटे पर भरोसा करते थे। यही भरोसा चक्रधर को आज 5,000 करोड़ रुपये की कंपनी का मालिक बना रहा है। ये पॉपुलर ब्रांड कंट्री डिलाइट की कहानी है। आपने भी इसका इस्तेमाल किया हो या ऐप ने दूध या अन्य सामान ऑर्डर किया हो, लेकिन आज इसके पीछे जिस व्यक्ति का विचार है, उसके बारे में जानिए।


 

सफर की शुरुआत कैसे हुई?


2004 में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद चक्रधर गडे ने इंफोसिस में नौकरी मिली। उन्होंने करीब एक साल काम करने के बाद इंफोसिस छोड़ दिया। चक्रधर ने नौकरी छोड़कर इंदौर के आईआईएम से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जब उन्हें डिग्री मिल गई, उन्हें Indxx कैपिटल मैनेजमेंट से नौकरी का ऑफर मिला। लाखों रुपये की सैलरी वाइस प्रेसिडेंट पद पर। 6 साल वहाँ काम करने के बाद वह समझ गया कि वह उस पद पर ठीक नहीं था। उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना था, लेकिन कैसे, कहां और कैसे? ऐसे प्रश्न उनके मन में उठते रहे। इसी बीच, वे नितिन कौशन से मिले। दोनों ने बहुत अच्छी दोस्ती की। दोनों ने मिलकर एक व्यवसाय शुरू करने का कार्यक्रम बनाया।

मिलावटी दूध का विरोध


चक्रधर ने दिल्ली-एनसीआर में मिलावटी दूध की समस्या से खुद संघर्ष किया। यही उनका कारोबार का आइडिया था। नितिन के साथ पहले दो साल तक उन्होंने घर-घर फ्रेश दूध पहुंचाया। 2013 में उसने कंट्री डिलाइट शुरू की। वह लोगों की आवश्यकताओं और शिकायतों को समझने के लिए खुद कई बार दूध की डिलीवरी करते हैं। उन्हें पता चला कि मिलावटी दूध से लोग परेशान हैं। वे किसानों से सीधे दूध कस्टमर तक पहुंचाने की कल्पना पर काम करने लगे।

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मुश्किलों का सामना करने के बाद सफलता


दोनों ने पहले दो साल पार्ट-टाइम दूध बेचने का काम किया, लेकिन 2015 में उन्होंने पूरा फोकस अपने बिजनेस पर लगाया। मार्केट की जांच की, ग्राहक की आवश्यकताओं को समझा, योजना बनाई और लक्ष्य को पूरा किया। कंट्री डिलाइट के माध्यम से वह प्राकृतिक, स्वच्छ और बिना मिलावट वाला दूध लोगों तक पहुंचाने में जुट गए। किसानों से दूध लेकर अगले 24 से 48 घंटे के भीतर कस्टमर को देना था। 6 सालों तक उन्होंने अपनी कंपनी को बेहतरीन स्थिति में रखा। 2017 में उन्होंने अपना पहला फंड प्राप्त किया।
 


Apps के माध्यम से सीधे ग्राहकों से जुड़े


Country Delight Milk लोगों को पसंद आने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने सब्जी-फल, पनीर, दही, हल्दी स्नैक्स और बेकरी के उत्पादों को अपने ब्रांड में शामिल कर लिया। उनका कारोबार सब्सक्रिप्शन मॉडल पर ऐप के माध्यम से चलता है। आज उनकी कंपनी दूध के साथ दैनिक आवश्यकता की बहुत सी वस्तुओं को अपने ग्राहकों के घरों तक पहुंचाती है। एक महीने में वे पांच करोड़ ऑर्डर भेजते हैं। 6 हजार से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स उनके पास हैं। Country Lighting देश के 15 शहरों में काम करता है। इनमें दिल्ली-NCR, मुंबई, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद और चेन्नई शामिल हैं। उन्होंने 2022 के फाइनेंशियल ईयर में 600 करोड़ रुपये का ऑपरेशन रेवेन्यू हासिल किया। आज कंट्री डिलाइट का बाजार मूल्य 615 मिलियन डॉलर हो गया है।