चंद्रयान 3 की सफलता इसलिए भी है जरुरी, क्योकि India के हाथ लगेगा अब बड़ा खजाना
 

Chandrayaan-3: चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को देखें तो अमेरिका, रूस और चीन ने इसे सफलतापूर्वक किया है, लेकिन भारत के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत अंटार्कटिका में ऐसा करने वाला पहला देश होगा, जो सबसे बड़ा देश होगा। सफलता और अवसर
 

Haryana Update: चंद्रयान-3 मिशन न केवल भारत की तकनीकी दक्षता का बल्कि इसके पीछे की आर्थिक ताकतों का भी एक अनूठा उदाहरण है। यदि विक्रम लैंडिंग यूनिट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने में सफल हो जाती है, तो अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

अनुमान है कि 2040 तक चंद्र अर्थव्यवस्था से 420 अरब डॉलर का उत्पादन होगा। 2030 में चंद्रमा पर 40 अंतरिक्ष यात्री रहेंगे, और सिर्फ दस साल बाद, 2040 में, 1,000 से अधिक होंगे। इसे ध्यान में रखते हुए, कई अंतरिक्ष कंपनियां बड़े व्यवसाय की तलाश में हैं। शिपिंग व्यवसाय प्रति माह $42 बिलियन तक पहुँच सकता है। अब भारत इसमें से कितना हिस्सा सोखेगा? विशेषज्ञों का कहना है कि जब डेटा की बात आती है, तो भारत अकेले डेटा से अरबों डॉलर का कारोबार कर सकता है।

अध्ययन में मिले आंकड़े भी उपयोगी हैं
यदि चंद्रमा पर पानी है, तो हम इसका उपयोग ऑक्सीजन बनाने के लिए कर सकते हैं। उसके बाद, एक बेस बनाया जाएगा और अधिक लोग चंद्रमा पर उड़ान भरेंगे। बड़ा फायदा यह है कि भारत चंद्र पर्यटन का राजा बन रहा है। चंद्रयान 3 से आपको जो जानकारी मिलेगी वह आपके शोध में मदद करेगी और इससे आपको निश्चित तौर पर फायदा होगा।