Vastu Tips : माने या ना मानें लेकिन आपकी परेशानी का कारण है घर की ये चीजे, जानिए ज़िंदगी का वास्तु 

धर्मकर्म को विशेष महत्व देते हुए, बढ़ते और बदलते जमाने में लोग मजा से जीवन जीते हैं। ऐसे में, अगर आप आज भी वास्तु मानते हैं, तो आपके पास आवश्यक जानकारी है। गलत दिशा में बेड होना बहुत मुश्किल हो सकता है।
 

 लेकिन अगर आप जानकारी के साथ बेड और सिराहने की दिशा सही रखते हैं तो लाभ मिलेगा। आइए वास्तुशास्त्री और पंडित से सही दिशा और जानकारी प्राप्त करें।

बकौल बिहार के पूर्णिया के वास्तु शास्त्री पंडित मनोत्पल झा, बेड की दिशा सही होनी चाहिए। बेड का निर्धारण रूम का दरवाजा आपके बेड की दिशा दरवाजा की ओर निर्धारित होगी। यदि आपका घर उत्तर की ओर है, तो आप हमेशा दक्षिण से उत्तर की ओर जाएंगे। आपके सामने जो उत्तर है, उसे पढ़ेंगे। दक्षिणमुखी घर में बेड दक्षिण दिशा में पड़ेगा। शास्त्र कहता है कि बेड को किस तरफ लगाना चाहिए बहुत महत्वपूर्ण है।

बेड लगाने से पहले दिशा निर्धारित करना महत्वपूर्ण है।

पहले, बेडरूम में हम बेड किस दिशा में लगाते हैं और हमारा सर किस तरफ सोता है? इन बातों का ध्यान जरूर रखें। उनका कहना था कि बहुत से लोग अपने घरों में बेड लगाते हैं और कम जगह छोड़ देते हैं। जो कोई भी दिशा नहीं लेता। लेकिन नहीं, आपको नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ेगा अगर आपका बेड गलत दिशा में होता है और आप विश्राम करते हैं। ऐसे में, आपके बेड का सही निर्धारण आपके घर का दरवाजा है।

सफलता इसी दिशा में मिलेगी

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पादरी ने कहा कि बेड की दिशा पूर्व या पश्चिम होना बहुत फायदेमंद है। उसने कहा कि जब आप बेडरूम में बेड लगाते हैं, तो आपको याद रखना चाहिए कि जब आप अपने बेड पर विश्राम करते हैं, तो आपका सिर या सिरहना पूर्व दिशा में होना चाहिए, और आपके पैर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इससे आपको मानसिक विकास में बहुत अधिक लाभ होगा।

उनका कहना था कि बहुत से लोग अपने साधन अनुसार बेड पूर्व और पश्चिम दिशा में लगाते हैं और जब वे विश्राम करते हैं तो उनका सिर पश्चिम और पैर पूर्व दिशा में होता है। जो पूरी तरह से गलत माना जाता है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों को खास तौर पर याद रखना होगा कि सूर्योदय से पहले ही जागना चाहिए, ताकि उनके पैर पूर्व की ओर सूर्य देव को नहीं लगे।

इस दिशा में एक मृत व्यक्ति को सुलाया जाता है

विज्ञान और शास्त्र दोनों ने उत्तर-दक्षिण दिशा में सोने की सलाह दी है। पंडित कहते हैं कि किसी को उत्तर दिशा में सिर रखकर सोना नहीं चाहिए। शास्त्र और वैज्ञानिक कारण भी इस दिशा को रोकते थे। उन्हें बताया गया कि शास्त्र कहता है कि एक मृत व्यक्ति को मृत सैय्या पर उत्तर में सर और दक्षिण में पैर रखकर सुलाया जाता है। शास्त्रों में उत्तर दिशा में सोना वर्जित है क्योंकि यह मृत आत्माओं को शांति देता है।