यूपी के इस जिले के नाम में बदलाव
Haryana Update: अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के घाटमपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अकबरपुर का नाम ही ऐसा है कि बार-बार बोलने में संकोच लगता है। ये सब बदल जाएगा। हमें गुलामी के निशानों को समाप्त करना है और विरासत का सम्मान करना है। इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ना है। इसके लिए जो अभियान देश में शुरू हुआ है, उसमें हमें भी एक वोट के साथ सहभागी बनना है।
योगी का इशारा मुगलकालीन बादशाह अकबर के नाम पर लोकसभा क्षेत्र का नाम होने पर था। हालांकि, प्रदेश में अकबरपुर ही नहीं, कई जिले ऐसे हैं जिनके नाम भारतीय संस्कृति और विरासत से तालमेल नहीं खाते और गुलामी के दिनों की याद दिलाते हैं। मसलन, अलीगढ़, आजमगढ़, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद और मुरादाबाद जैसे जिलों के नाम बदलने के लिए पहले भी आवाज उठ चुकी है। अकबरपुर में सीएम योगी के इस बयान ने इन आवाजों को और ताकत दी है।
इसके अलावा योगी सरकार ने प्रतष्ठिति मुगलसराय रेलवे स्टेशन (जो देश का चौथा सबसे व्यस्त रेलवे जंक्शन है) का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया। यह कदम बीजेपी के सह-संस्थापक के प्रति सम्मान का प्रतीक था। राज्य सरकार ने 2019 कुंभ मेले से ठीक पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया।
संतों का दावा है कि इस ऐतिहासिक शहर का मूल नाम प्रयाग राज ही था और मुगलों ने इसे बदलकर 'अल्लाहबाद' कर दिया था जो बाद में इलाहाबाद हो गया। वहीं, फैजाबाद का नाम भी बदलकर अयोध्या किया गया था, जबकि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद गुलामी की निशानियों से निजात दिलाने की पहल शुरू की है। इसके अंतर्गत प्रदेश में कई सड़कों, पार्कों, चौराहों, इमारतों का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर रखा गया है। लखनऊ में एक निश्चित समय पर, कोई भी अटल बिहारी वाजपेई रोड से यात्रा कर सकता है, अटल चौराहा से गुजर सकता है और अटल बिहारी वाजपेई सम्मेलन केंद्र तक पहुंच सकता है, अटल सेतु को पार कर सकता है और अटल बिहारी कल्याण मंडप पहुंच सकता है।