logo

Delhi Big News : दिल्ली के इन मकान मालिकों को हो सकती है जेल, साथ ही जुर्माना भी...

Delhi Big News : दिल्ली में संपत्ति कर बकाया रखने वालों के लिए बड़ी खबर है। अगर आप एमसीडी के निवासी हैं और लंबे समय से प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं किया है, तो अब सतर्क हो जाएं। नगर निगम ने बकायेदारों पर सख्ती बरतने का फैसला लिया है और जल्द ही कड़ी कार्रवाई शुरू हो सकती है। इसमें जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान भी हो सकता है। अगर आप पूरी जानकारी चाहते हैं, तो नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।

 
Delhi Big News : दिल्ली के इन मकान मालिकों को हो सकती है जेल, साथ ही जुर्माना भी...
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update: लेकिन अब निगम ने Tax चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। Delhi Nagar Nigam कर एवं कलेक्टर द्वारा मिले आदेश के अनुसार, देनदारों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है और संपत्ति कर का भुगतान कम हो रहा है। एमसीडी ने Delhi Nagar Nigam अधिनियम की धारा 152 के अनुसार मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए , सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को ऐसी संपत्ति को चिह्नित करने का आदेश दिया गया है।


एमसीडी अधिनियम के अनुच्छेद 152a  के अनुसार, 10 Lakh रुपये से अधिक की कर चोरी की स्थिति में देनदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके तहत कर चोरी करने वाले व्यक्ति को तीन महीने से लेकर अधिकतम सात साल तक की जेल और पचास प्रतिशत का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

OPS Scheme : सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात, 20 साल बाद फिर लागू हो सकती है पुरानी पेंशन योजना

पहले मैं आपको बता दूं कि संपत्ति Tax a मसीडी की आय का सबसे बड़ा स्रोत है। निगम अब तक 2,000 करोड़ रुपये का वार्षिक संपत्ति कर प्राप्त कर चुका है, वही लक्ष्य 3,000 करोड़ रुपये का है। Delhi में 12 Lakh मालिकों में से सिर्फ 5 Lakh Tax देते हैं। निगम ने संपत्ति मालिकों को सूचना देना शुरू कर दिया था। बाद में, निगम ने संपत्ति मालिकों के बैंक खाते को उनकी संपत्ति से अटैच कर दिया है।


निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि, अनुच्छेद 152 a  में 10 Lakh रुपये से अधिक का संपत्ति कर बकाया होने पर मुकदमा दायर करने का प्रावधान है, लेकिन वही बड़े बकाया को पकड़ने के लिए  निगम मुकदमा दायर करेगा, इसके लिए 2.5 Lakh रुपये की सीमा है। उनका दावा था कि मामले संबंधित जिला अदालतों में भेजे जाएंगे। अधिकारी ऐसे कर्जदारों की सूची बना रहे हैं।

FROM AROUND THE WEB