NPS vs OPS: कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम को लेकर नया अपडेट जारी, जानें सरकार ने क्या बनाया नया प्लान?
Old Pension Scheme: सरकारी खजाने पर बोझ डालने के बिना कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा। एन्यूटी (Annuity) में अधिक निवेश करके पेंशन को बढ़ाना संभव है।
Haryana Update: आपको बता दें, की सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम का प्रस्ताव बनाया है, जो कई राज्यों में नए पेंशन स्कीम के खिलाफ है। नवीन पेंशन योजना में कई नए प्रावधानों की चर्चा चल रही है। इसमें भी न्यूनतम गारंटीड रिटर्न शामिल है। वित्त मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है। हालाँकि, कई राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन स्कीम को ही जारी रखा है और नवीन पेंशन स्कीम को अपनाने से इनकार कर दिया है।
कंट्रीब्यूशन को बढ़ाने पर विचार जानकारी है कि नई पेंशन योजनाओं में न्यूनतम गारंटीड पेंशन योजना बनाई जा सकती है और पेंशनर्स को अतिरिक्त आय मिलेगी। साथ ही, क्षेत्रब्यूशन को 14% से अधिक बढ़ाने पर विचार हो रहा है। सरकारी खजाने पर बोझ डालने के बिना कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा। एन्यूटी (Annuity) में अधिक निवेश करके पेंशन को बढ़ाना संभव है। फिलहाल, एन्यूटी में कुल फंड का 40% निवेश होता है, जिससे आखिरी वेतन का लगभग 35% पेंशन मिलता है। मार्केट से संबंधित होने पर भी इसकी गारंटी नहीं होती।
1 अप्रैल 2004 से राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) देश में लागू हो गई। दिसंबर 2003 में वाजपेयी सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को समाप्त कर दिया। पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी के आखिरी वेतन का पचास प्रतिशत पेंशन दिया जाता था। पूरी लागत सरकार ने दी थी।
वहीं, 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आए कर्मचारियों के लिए NPS है। कर्मचारी अपने वेतन का दस प्रतिशत पेंशन में देते हैं। राज्य सरकार भी 14% योगदान देती है। PFRDA, पेंशन रेगुलेटर, निवेश करता है।
क्या है नवीनतम पेंशन कार्यक्रम (NPS)?
राष्ट्रीय पेंशन योजना सरकार ने 2004 में शुरू की थी। NPS सरकारी कर्मचारियों का निवेश स्वीकार करता है। यही कारण है कि वह अपने पूरे जीवन में पेंशन खाते में नियमित योगदान करके अपने पैसे को बचाने में सक्षम होंगे। रिटायरमेंट के बाद पेंशन का एक हिस्सा एक बार में निकालने का अधिकार है। आप एन्युटी (Annuity) प्लान खरीद सकते हैं अगर बाकी रकम आपके पास है। एन्युटी एक इंश् योरेंस उत्पाद है। इसमें एक बार में निवेश करना होगा। क्वॉटरली, मंथली या सालाना विड्रॉल इसे कर सकते हैं। रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु तक उसे नियमित वेतन मिलता रहता है। मृत्यु के बाद नॉमिनी को पूरा पैसा मिलता है।