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Bullet Train पर आई गुड न्यूज! इस दिन बनेगी समुद्र के नीचे सुरंग, पहली बार इस तकनीक का होगा इस्तेमाल

Bullet Train India: प्रधानमंत्री मोदी का बुलेट ट्रेन ड्रीम प्रोजेक्ट अब पूरा होने वाली है। ट्रेन के लिए देश की पहली समुद्र के नीचे बनने वाली सुरंग का निर्माण शुरू करने की तिथि निर्धारित की गई है। यह सुरंग 21 किमी. लंबी होगी और मुंबई में बनेगी, सात किमी. समुद्र के नीचे।
 
bullet train india

New Delhi: मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन (India Bullet Train Project) शुरू होगी। पूरा स्टेशन और ट्रैक यहां पर भूमिगत होगा। यहां से समुद्र के नीचे सुरंग (Under Sea Tunnel) बनेगी। सात किमी समुद्र के नीचे से गुजरने वाली इस सुरंग को बनाना एक चुनौतीपूर्ण काम है। अब निर्माण शुरू करने का समय तय है। रेलवे मंत्रालय (Indian Railway Ministry) के एक अधिकारी ने कहा कि काम लोकसभा चुनाव से पहले शुरू होगा। इसलिए सुरंग का खुदाई मार्च 2024 से शुरू होगा। इसके लिए टेंडर पहले से ही आवार्ड किए गए हैं।

Indian Bullet Train Project: पहली बार समुद्र के नीचे सुरंग बन रही है

देश में समुद्र के नीचे पहली बार सुरंग बनने जा रही है। इसलिए, इस तरह की टनल बोरिंग मशीन अभी तक नहीं है; टीबीएम भागों को विभिन्न देशों से मंगाया जा रहा है और यहीं पर असेंबल किया जाएगा। इसके बाद खुदाई की प्रक्रिया शुरू होगी। मंत्रालय ने कहा कि टीबीएम दो से तीन महीने में असेंबल हो जाएगा। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स भूमिगत स्टेशन और शिलफाटा के बीच यह सुरंग बनाई जाएगी।

बुलेट ट्रेन की सुरंग और मेट्रो की सुरंग में अंतर

देश भर में अंडरग्राउंड मेट्रो चलने के लिए सुरंग बनाई गईं, लेकिन कोई भी सुरंग पानी के नीचे नहीं बनी है। यद्यपि कोलकाता में हुबली के नीचे एक सुरंग है, वह सिर्फ 520 मीटर लंबी है। इस तरह का निर्माण समुद्र के नीचे नहीं हुआ है। यही कारण है कि यह सुरंग मेट्रो से अलग है।

इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के निर्माण में सुरंग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का प्रयोग किया जाएगा। देशों में यह तकनीक काम करती है।

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट क्या है?
भारत की पहली हाई स्पीड रेल लाइन, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन, मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किमी की दूरी पर बनाई जा रही है. इसका 352 किमी का मार्ग गुजरात के नौ जिलों और महाराष्ट्र के तीन जिलों से होकर गुजरेगा। इन सभी आठ जिलों में परियोजना का काम शुरू हो चुका है। इस कोरिडोर में बारह स्टेशन बन रहे हैं।
 

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