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Home Loan Rules : जानिए होम लोन की कितनी EMI ना भरने पर बैंक लेगा एक्शन

Home Rules 2024 : Home EMI अक्सर समय पर नहीं चुका पाते हैं। होम लोन EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? बैंक कितनी देरी करने के लिए इंतजार करता है और फिर क्या कार्रवाई करता है? अगर आपके पास जवाब नहीं है, तो चलिए इस खबर में जानते हैं..।

 
Home Loan Rules : जानिए होम लोन की कितनी EMI ना भरने पर बैंक लेगा एक्शन 

Haryana Update : आम आदमी को घर खरीदना आसान हो गया है क्योंकि होम लोन उपलब्ध हैं। लोग, खासकर शहरी क्षेत्रों में, होम लोन लेकर आसानी से फ्लैट खरीद लेते हैं। हालाँकि, छोटे शहरों में भी तेजी से फ्लैट कल्चर का विकास हो रहा है। खासकर नौकरी करने वाले लोग आसानी से होम लोन पा सकते हैं। 

ग्राहक घर की EMI अक्सर समय पर नहीं चुका पाते हैं। विशेष रूप से नौकरी छूटने या मेडिकल इमरजेंसी में EMI भरने से बच जाते हैं। होम लोन की EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? बैंक कितनी देरी करने के लिए इंतजार करता है और फिर क्या कार्रवाई करता है? वास्तव में, होम लोन सिक् योर लोन की श्रेणी में आता है, इसलिए ग्राहक को बैंक से किसी संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता होती है।

बैंक लगातार तीसरी किस्त नहीं देने पर कार्रवाई करता है—

अब RBI के होम लोन नहीं चुकाने के नियमों को जानते हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान होम लोन की पहली किस्त नहीं देते अगर ग्राहक नहीं चुकाता। बैंक का मानना है कि EMI में देरी हो रही है। लेकिन बैंक पहले एक रिमाइंडर भेजता है अगर ग्राहक लगातार दो EMI नहीं भरता है। यदि ग्राहक तीसरी EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है, तो बैंक फिर से लोन चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस जारी करता है। 

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तीसरी EMI नहीं चुकाने के कारण बैंक कार्रवाई करता है। अगर ग्राहक कानूनी नोटिस के बाद लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित करता है। साथ ही बैंक लोन अकाउंट को गैर-निष्पादित पूंजी (NPA) मानता है। अन्य वित्तीय संस्थाओं में यह अवधि 120 दिन की है। इस समय सीमा के बाद बैंक वसूली के तरीके पर विचार करने लगता है। 

RBI की गाइडलाइंस-

सिक् योर्ड लोन में संपत्ति गिरवी रखी जाती है, ताकि बैंक लोन नहीं चुकाने पर संपत्ति बेचकर लोन की भरपाई कर सके। लेकिन बैंक इसे अंतिम विकल्प मानता है। RBI के निर्देशों के अनुसार ग्राहक लोन को चुकाने के लिए पर्याप्त समय है। नीलामी बैंक के पास पैसे वापस लेने के लिए कानूनी तौर पर अंतिम विकल्प है। नीलामी से मिली रकम से लोन का भुगतान किया जाता है।


तीन महीने की ईएमआई नहीं चुकाने पर ग्राहक को बैंक दो महीने का अतिरिक्त समय मिलता है। अगर ग्राहक इसमें भी चूक जाते हैं, तो बैंक ग्राहक की संपत्ति के अनुमानित मूल्य के साथ एक नीलामी नोटिस भेजता है। नीलामी नोटिस मिलने के एक महीने बाद भी ग्राहक किश्त नहीं भरता है, तो बैंक नीलामी की औपचारिकताओं में आगे बढ़ता है।

डिफॉल्डर होने का जोखिम

ग्राहक, हालांकि, इन छह महीने के भीतर बैंक से संपर्क कर बकाया राशि का भुगतान कर मामले को हल कर सकता है।  समय पर लोन नहीं चुकाने से बैंक ग्राहक को डिफॉल्डर घोषित कर देता है, जो सबसे बड़ा नुकसान है। जिससे ग्राहक का सिबिल/क्रेडिट स्कोर गिरता है। भविष्य में किसी भी तरह का लोन मिलना मुश्किल होगा अगर सिबिल स्कोर खराब है।

यदि कोई EMI चुकाने में असफल होता है, तो कुछ उपाय भी हैं। जिस बैंक से ग्राहक ने होम लोन लिया है, उससे संपर्क करके अपनी वित्तीय आवश्यकताओं के आधार पर होम लोन पुनर्गठित करने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं। ग्राहक दस्तावेज देकर बैंक को अपनी चिंताओं को बता सकता है। लोन का पुनर्गठन कुछ महीनों तक EMI को टाल सकता है या EMI को कम कर सकता है। हालाँकि, ऐसे परिस्थितियों में होम लोन की लागत बढ़ जाएगी। 


इसके अलावा, होम लोन EMI को हर समय चुकाने की कोशिश करना इसका सीधा समाधान है। अगर इसके लिए कोई निर्धारित धनराशि है तो उसे तोड़ दें। कहीं भी निवेश हो तो EMI भर दें। इसके लिए आप अपने दोस्तों या परिवार से ऋण भी ले सकते हैं, जिसे बाद में अपनी सुविधानुसार वापस कर सकते हैं।


रिकवरी एजेंट से धमकी मिलने पर क्या करें:
ग्राहक को लोन नहीं चुकाने पर वित्तीय संस्थाओं से रिकवरी एजेंट को भेजकर दबाव डाला जाता है। उसे भी धमकी दी जाती है। देश भर में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी की अनेक शिकायतें हैं। आप सीधे पुलिस से शिकायत कर सकते हैं अगर रिकवरी एजेंट भी आपको होम लोन चुकाने पर परेशान करता है। ऋण की किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद का विषय है, इसलिए डिफॉल्टर को मनमानी नहीं की जा सकती। इसके अलावा, आप लिखित रूप से आरबीआई को शिकायत कर सकते हैं।


 


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