EMI बाउंस होने पर चिंता की बजाए अपनाएं ये 4 आसान तरीके, सिबिल स्कोर नहीं होगा खराब
Loan EMI Tips (Haryana Update) : जब आप लोन लेते हैं तो आपको हर महीने EMI चुकानी पड़ती है, नहीं तो पेनाल्टी लग सकती है। कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि EMI चुकाना मुश्किल हो जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, जिसकी वजह से आपको EMI बाउंस करनी पड़ती है, तो परेशान होने की कोई बात नहीं है आजकल घर या कार खरीदने के लिए होम लोन और कार लोन लेना आम बात है। इसके अलावा पर्सनल लोन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। जब आप लोन लेते हैं तो आपको हर महीने EMI चुकानी पड़ती है, नहीं तो पेनाल्टी लग सकती है। कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि EMI चुकाना मुश्किल हो जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है कि आपको EMI बाउंस करनी पड़ती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में 4 जरूरी कदम उठाएं, ताकि आपके सिबिल स्कोर पर इसका नकारात्मक असर न पड़े और भविष्य में आपको कोई परेशानी न हो।
बैंक मैनेजर से मिलें-
रिटायर्ड बैंक अधिकारी एके मिश्रा के अनुसार, अगर आपकी EMI जानबूझकर बाउंस नहीं हुई है और यह किसी अप्रत्याशित परिस्थिति के कारण हुआ है, तो सबसे पहले आपको उस ब्रांच में जाना चाहिए, जहां से आपने लोन लिया है। ब्रांच मैनेजर को अपनी समस्या बताएं और उन्हें भरोसा दिलाएं कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। अगर आपकी बात सही है, तो समस्या का समाधान आसानी से हो सकता है। आमतौर पर अगर बैंक पेनाल्टी लगाता भी है, तो यह ज्यादा नहीं होगी और आप इसे चुका पाएंगे। इस तरह से समाधान पाने की कोशिश करें।
सिबिल स्कोर पर चर्चा करें-
अगर आपकी किस्तें लगातार तीन महीने से बाउंस हो रही हैं, तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है। बैंक मैनेजर तीन महीने की अवधि में बाउंस हुई किस्तों की जानकारी सिबिल को भेजते हैं। अगर एक या दो किस्तें ही बाउंस हुई हैं, तो आप बैंक मैनेजर से बात करके उन किस्तों का भुगतान कर सकते हैं और उन्हें निगेटिव रिपोर्ट न भेजने के लिए कह सकते हैं। उन्हें भरोसा दिलाएं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। सिबिल स्कोर खराब होने की वजह से अगली बार लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
EMI टालने के लिए आवेदन-
अगर आपकी समस्या गंभीर है और आपको लगता है कि आप कुछ समय तक किस्त नहीं चुका पाएंगे, तो आप अपने मैनेजर को अपनी स्थिति समझा सकते हैं और किस्त कुछ समय के लिए टालने के लिए आवेदन कर सकते हैं। कुछ समय बाद जब आपको पैसे मिल जाएंगे, तो आप रकम चुका सकते हैं। इससे आपको मुश्किल वक्त में थोड़ी राहत मिलेगी।
एरियर EMI का विकल्प-
अगर आपकी सैलरी समय पर नहीं आ रही है या आप EMI के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं, तो आप अपने मैनेजर से एरियर EMI के बारे में चर्चा कर सकते हैं। आमतौर पर लोन की किस्त महीने की शुरुआत में होती है, जिसे एडवांस EMI कहते हैं। ज्यादातर लोन ग्राहकों को एडवांस EMI का विकल्प मिलता है।
लेकिन आप चाहें तो एरियर EMI का विकल्प भी ले सकते हैं, जिसमें आप महीने के आखिर में अपनी किस्त चुका सकते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें सैलरी या दूसरी आय में देरी होती है। इस तरह आप अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से EMI मैनेज कर सकते हैं। इन सभी तरीकों को अपनाकर आप अपने बैंक और सिबिल स्कोर को प्रभावित होने से बचा सकते हैं। दरअसल, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी मुश्किल समय में घबराएं नहीं, तुरंत समाधान खोजें और बैंक के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें। ध्यान रहे, अगर आप सही समय पर कदम उठाएंगे तो आपको किसी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।