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ITR Rules: इनकम टैक्स धड़ाधड़ दे रहा लोगों को नोटिस, जान लीजिये नए नियम

Income Tax Notice: आज इनकम टैक्स विभाग बहुत सख्त हो गया है। इस विभाग का अधिकांश कार्य कंप्यूटर पर आधारित है। IT नोटिस जारी किया जाता है अगर आपके हिसाब-किताब में कोई गड़बड़ी या मिसमैच है। तुम्हारे साथ तो भी ऐसा कहीं नहीं हुआ है? अगर ऐसा हुआ है, तो इसे पूरी तरह से समझें।

 
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Income Tax नोटिस (IT Notice) जब आता है तो बड़ों बड़ों की हवा निकाल जाती है। जब आपको अचानक एक दिन इनकम टैक्स का नोटिस मिलता है, तो यह आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी करने के कई कारण हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि ऐसे टैक्सपेयर्स के मामलों की जांच विभाग की गाइडलाइन के तहत की गई है जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का जवाब नहीं देते हैं।

Income Tax नोटिस कब जारी होगा?

जब टैक्सपेयर्स ने टैक्स रिटर्न नहीं दाखिल किया है, तो इनकम टैक्स की धारा 142 (1) के तहत यह नोटिस जारी किया जाता है। या किसी संपत्ति के बेचने पर मिले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/लॉस से जुड़ी जानकारी पाने के लिए नोटिस भेजा जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल ही में जारी किए गए दिशानिर्देशों में यह शामिल है।

टैक्स नोटिस जारी करने का क्या उद्देश्य है?

आयकर अधिनियम की धारा 142(1) में कहा गया है कि इनकम टैक्स अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक नोटिस भेजकर जानकारी मांगने का अधिकार है। रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले मामलों में, आवश्यक जानकारी देने को कहा जाता है। इनमें सर्वेक्षण, तलाशी और जब्ती, टैक्स इवेशन और ऐसे मामले भी शामिल हैं जिनमें आयकर रिटर्न को इन्क्वॉयरी नोटिस के जवाब में नहीं फाइल किया गया है।

रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने या गैर-रजिस्ट्रेशन के मामले भी शामिल होते हैं?

इसके अलावा, विभिन्न धाराओं के तहत रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने और गैर-रजिस्ट्रेशन से संबंधित मामले भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स बेनिफिट के लिए इलिजिबल होने के लिए चैरिटेबल संगठनों को रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है। इसके अलावा, अनिवार्य स्क्रूटनी नियमों के तहत इनकम टैक्स रिटर्न लिया जाएगा अगर टैक्सपेयर्स की आय पिछले वर्ष में बढ़ी है। निर्देशों में आयकर अधिकारियों और नैशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (NFAC) की भूमिका और कर्तव्य भी बताए गए हैं।

क्या यह एक आम प्रक्रिया है?

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स कहते हैं कि कंपलसरी स्क्रूटनी की क्राइटेरिया आज की तुलना में बहुत बदल गई है। निर्देशों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 के दौरान दाखिल किए गए सभी आयकर रिटर्न में नोटिस देने की अंतिम तिथि 30 जून, 2024 होगी। कंपलसरी स्क्रूटनी एक आम उपचार है।

IT नोटिस से क्या जानकारी मिलती है?

इसमें नियमित जांच की जाती है कि क्या टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी आय को सही ढंग से बताया है या नहीं। इसके अतिरिक्त, बकाया टैक्स भुगतान किया गया है या नहीं।

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