RBI ने जारी किया नया अपडेट, पर्सनल लोन को लेकर बैंकों की बढ़ी मुश्किलें, ग्राहकों पर पड़ेगा असर
Personal Loan Rates:आपको बता दें, की भारतीय रिजर्व बैंक के इस निर्देश से बैंक से उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी। हालांकि, घरों और एसएमई को लोन देने वाले क्षेत्रों में गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा। साथ ही, शिक्षा, ऑटोमोबाइल या होम लोन पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा, जानिए पूरी डिटेल।
Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में बढ़ते कंज्यूमर क्रेडिट से जुड़े जोखिमों पर चिंता व्यक्त की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कंज्यूमर क्रेडिट पर रिस्क वेट को बढ़ा दिया है। अब बैंकों और गैर बैंकिंग संस्थाओं को इस श्रेणी में लोन देना महंगा हो जाएगा। जिस तरह से बैंक लोन देते हैं, उन्हें अधिक धन देना होगा।
टॉप रेटेड फाइनेंस कंपनी लोगों को महंगे ब्याज पर लोन देने के लिए अधिक खर्च करेगी। भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों से घर, ऑटो या शिक्षा के लोन प्रभावित नहीं होंगे। लेंडिंग रेट को हर श्रेणी में बढ़ाना चाहिए, लेकिन लोन देने वाले बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को। रिजर्व बैंक के कड़े नियमों से अब उन्हें अधिक नुकसान हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को कुछ दिन पहले ही असुरक्षित पर्सनल लोन के मामले में बढ़ते खतरे की चेतावनी दी थी। एक दिन पहले, रिजर्व बैंक ने लोन देने वाले बैंकों को अधिक राशि देना अनिवार्य कर दिया।
गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने कंज्यूमर क्रेडिट पर रिस्क वेट को एक चौथाई बढ़ा दिया है। 100 से 125 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि पहले बैंकों को हर ₹100 के लोन के लिए ₹9 की पूंजी चाहिए थी, लेकिन अब उन्हें ₹11.25 की पूंजी चाहिए।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी क्रेडिट कार्ड रिसिवेबल्स पर रिस्क वेट बढ़ा दिया है। इसके अलावा, बैंकों द्वारा गैरबैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को दिए जाने वाले लोन का रिस्क वेट भी बढ़ा गया है। बैंक एनबीएफसी को जो लोन देते थे, उनमें 100 प्रतिशत से कम रिस्क वेट था।
टॉप रेटेड फाइनेंस कंपनियों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के इस निर्देश से बैंक से उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी। हालांकि, घरों और एसएमई को लोन देने वाले क्षेत्रों में गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा। साथ ही, शिक्षा, ऑटोमोबाइल या होम लोन पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारतीय रिजर्व बैंक के यह दिशा निर्देश ग्राहकों द्वारा लिए जाने वाले लोन पर लागू हो रहे हैं। इन नियमों का गोल्ड, होम लोन, एमएसएमई और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों जैसे संस्थानों पर कोई असर नहीं होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि इस प्रावधान का प्रायरिटी सेक्टर को लोन देने वाले एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर भी कोई खास प्रभाव नहीं होगा। भारत में गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों द्वारा लोगों को पिछले कुछ दिनों से व्यापक रूप से पर्सनल लोन प्रदान किया जा रहा है, इससे उद्योग पर असर देखा जा सकता हैं।
क्रेडिट कार्ड के बकाया पिछले कुछ वर्षों से तेजी से बढ़ रहे हैं। साल दर साल आधार पर, क्रेडिट कार्ड का बकाया 30% बढ़कर सितंबर 2023 के अंत तक 2.17 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। सितंबर में अन्य पर्सनल लोन में साल दर साल आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 12.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया हैं।