RBI Liquidity Boost: RBI ने नकदी संकट से निपटने के लिए लिया बड़ा फैसला, बाजार में डालेगा 1 लाख करोड़ रुपये
RBI Liquidity Boost : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग प्रणाली में नकदी की कमी को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। बैंकिंग सिस्टम में स्थायी और तात्कालिक तरलता सुनिश्चित करने के लिए ये उपाय किए जा रहे हैं।

RBI Liquidity Boost : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी को कम करने के लिए बहुत कुछ किया है। बाजार भी बैंकिंग प्रणाली में तरलता की कमी से प्रभावित हो रहा था। ऐसे में, रिज़र्व बैंक ने डॉलर-रुपया स्वैप और ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) जैसे उपायों का ऐलान किया है ताकि नकदी की आपूर्ति बढ़ जाए। ये कदम बाजार की वर्तमान जरूरतों को पूरा करेंगे और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।
मुख्य बातें:
RBI द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी बॉन्ड्स की OMO खरीद
$10 बिलियन का डॉलर-रुपया स्वैप ट्रांजैक्शन
12 और 18 मार्च को दो किस्तों में OMO नीलामी
बैंकिंग प्रणाली में 4 मार्च तक 20,416 करोड़ रुपये की नकदी की कमी
बाजार में नकदी संकट से निपटने के उपाय
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग प्रणाली में नकदी की कमी को दूर करने के लिए अपने प्रयत्नों को तेज कर दिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि वह 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड्स को ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) के माध्यम से खरीदेगा। 12 मार्च को पहली नीलामी होगी, और 18 मार्च को दूसरी नीलामी होगी। RBI की इस कार्रवाई का उद्देश्य बाजार में नकदी की तत्कालीन मांग को पूरा करना है। बैंकों को उधारी लेने के लिए अधिक संसाधन मिलेंगे, जिससे कर्ज देने की प्रक्रिया तेज होगी।
डॉलर-रुपया स्वैप से विदेशी मुद्रा प्रवाह
नकदी संकट से निपटने के लिए रिज़र्व बैंक ने भी विदेशी मुद्रा स्वैप की योजना बनाई है। 24 मार्च को 36 महीनों के लिए $10 बिलियन का बाय/सेल स्वैप सौदा होगा। इससे रुपये पर दबाव कम होगा और विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा। यह RBI की इतनी बड़ी स्वैप नीलामी की दूसरी बार है। 28 फरवरी को पहले ही तीन साल के लिए 10 बिलियन का स्वैप ट्रांजैक्शन हुआ था।
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