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RBI News: लोन लेने वालो की हुई मौज, RBI के Repo Rate को लेकर बड़ी जानकारी आई सामने! जाने क्या इसमें होगा बदलाव

RBI News Update:आपको तो पता ही होगा कि अभी तक महंगाई ले कोई खास राहत नहीं मिली है। वही ऐसी स्थिति में सभी का एक ही सवाल है कि क्या RBI रेपो रेट में इजाफा करेगी या नहीं।

 
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Haryana Update: आपको तो पता ही होगा कि पिछली साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महंगाई को देखते हुए नीतिगत ब्याज दरों में काफी बार बढ़ोतरी की थी, वही इनके कारण बहुत से कर्ज महंगे हो गए थे और इसी के साथ महंगाई के कारण लोगों की मुश्किलें भी बड़ गई थी। लेकिन वही इस साल RBI रा रवैया काफी संतुलित दिखाई दे रहा है। वही काफी समय से रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है। वही रिजर्व बैंक दरों को संतुलित रखे हुए है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आरबीआई मौद्रिक समीक्षा बैठक आने वाली 4-6 अक्टूबर को होने वाली है, वही अब सवाल ये आता है कि क्या क्या RBI इस बार नीतिगत ब्याज दरों पर कुछ नरमी दिखाएगा या फिर मौजूदा रुख को ही बरकरार रखेगा? 

जाने क्या है बदलाव की उम्मीद

आपको तो पता ही होगा कि 8 फरवरी के दिन RBI ने रेपो की दरों को बढ़ाकर 6.5% कर दिया था और वही आप देखे तो वो दरें अभी तक बरकरार है। हम आपको बात दे कि आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता की छह सदस्यीय MPCC की बैठक आने वाली 4-6 अक्टूबर को होने वाली है। आपको तो पता होगा कि अगस्त में एमपीसी की पिछली बैठक हुई थी और वही उस दौरान भी नीतिगत ब्याज दरों से कोई बदलाव नहीं हुआ था। इतना ही नहीं हम बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस जी से पता चला है कि इस बार भी आरबीआई ब्याज दर में कोई बदलाव ना करे इसकी उम्मीद ज्यदा है, इसका कारण ये है कि अभी मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और इसी के साथ नकदी की स्थिति भी सख्त है। वही आरबीआई के अनुमान को मुद्रास्फीति पर सही माना जाए, तो ये तीसरी तिमाही में 5% से ज्यादा रहने वाली है। वही ये भी संभव है कि चौथी तिमाही में कोई बदलाव ना हो।

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ये है महंगाई की स्थिति

इसी के साथ सबनवीस ने बताया है कि इसी के साथ खरीफ फसलों, और खासकर दालों को लेकर अभी अनिश्चितता बनी दिखाई दे रही है। वही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) अगस्त के महीने में कम होकर 6.83 फीसदी रह गई है, वही जुलाई में ये 7.44 फीसदी थी। लेकिन इसके बाद भी ये RBI के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ज्यादा है। इसी के साथ सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को ये कहा है कि इसको दो फीसदी और कम करके इससे चार प्रतिशत पर बनाए रखे। इसी के साथ इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर की माने तो उन्होने बताया है कि CPI आधारित मुद्रास्फीति के सितंबर में कम होकर 5.3 से 5.5 प्रतिशत होने की उम्मीद की जा रही है। वही इसके बाद एमपीसी अक्टूबर, 2023 नीति में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसको लेकर क्या है RBI की जिम्मेदारी?

आपको बता दे कि ऐसा RBI के इतिहास में पहली बार हुआ है जब RBI ने महंगाई को नियंत्रित ना कर पाए पर सरकार को स्पष्टीकरण देने पड़ा हो। आपको बता दे कि अगर आप नियमों को देखे तो इसके तहत अगर महंगाई के लिए तय किया गया लक्ष्य लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल ना हो, तो उसके बाद RBI को केंद्र सरकार के समक्ष स्पष्टीकरण देना पड़ता है। आपको बता दे कि 2016 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब RBI को इस बार में केंद्र को रिपोर्ट भेजनी पड़ी हो। आपको बात दे कि केंद्र ने आरबीआई को महंगाई को दो प्रतिशत कम करे चार प्रतिशत पर लाने का काम दिया था, लेकिन वही आरबीआई बहुत से प्रयासो के बाद भी इन पर काबु नहीं कर पाई।

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