Sovereign Gold Bond: RBI की तरफ से आई अच्छी खबर, अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पैसा मैच्योरिटी से पहले चाहते हैं तो अपनाए ये तरीका
RBI News: आपकी जानकारी के लिए बता दे कि RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की किस्तों के प्रीमैच्योर विड्रॉल की तारीखें तय की हैं. हम आपको बता दे कि इसके सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर विड्रॉल के लिए आरबीआई ने 1 अक्टूबर, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक के समय के लिए कैलेंडर जारी कर दिया है.
Haryana Update: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) निवेशकों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की कई किस्तों के प्रीमैच्योर विड्रॉल के लिए तारीखें तय कर दी हैं. आरबीआई ने 1 अक्टूबर, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर विड्रॉल के लिए कैलेंडर जारी कर दिया है.
SGB 2017-18 Series III के निवेशक 16 सितंबर, 2023 से 6 अक्टूबर, 2023 के बीच अपने बॉन्ड्स को रिडीम कर सकेंगे. निवेशकों को ये बॉन्ड्स 16 अक्टूबर, 2017 को जारी किए गए थे. SGB 2017-18 Series IV के निवेशक 23 सितंबर, 2023 से 13 अक्टूबर, 2023 के बीच अपने बॉन्ड्स रिडीम कर सकेंगे.
ये बॉन्ड्स 23 अक्टूबर, 2017 को जारी किए गए थे. SGB 2017-18 Series V के निवेशक 30 सितंबर, 2023 से 20 अक्टूबर, 2023 के बीच अपने बॉन्ड्स रिडीम कर सकेंगे. इस बॉन्ड्स को निवेशकों को 30 अक्टूबर, 2017 को जारी किए गए थे.
इसके लिए सरकार ले रही है गारंटी
गौरतलब है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आरबीआई सरकार की ओर से जारी करता है, इसलिए इसकी सरकारी गारंटी होती है. सरकार ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है.
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यह पैसा हर 6 महीने पर निवेशकों के बैंक अकाउंट में डाल दिया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किग्रा गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मियाद 8 साल
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है. हालांकि निवेशकों को मैच्योरिटी से पहले अपना पैसा निकालने की इजाजत है. यह इजाजत 5 साल के बाद ही मिलती है. इसका मतलब है कि निवेशकों को कम से कम 5 साल तक इन बॉन्ड्स में अपना निवेश बनाए रखना पड़ता है.