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हरियाणा के इस बैंक के ग्राहकों को हो सकता है भारी नुक्सान! बैंक को हुआ 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा

जानकारी के लिए आपको बता दें कि एक Private Bank ने अपने नतीजे घोषित किए हैं तथा बताया है कि इस बैंक को तिमाही में घाटे का सामना करना पड़ रहा है.जानिए पूरी खबर...
 
 हरियाणा के इस बैंक के ग्राहकों को हो सकता है भारी नुक्सान! बैंक को हुआ 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा

Bank News :- हाल ही में सभी कंपनियों ने अपनी तिमाही नतीजे घोषित किए हैं. इन नतीजों के अनुसार किसी कंपनी को घाटा तो किसी कंपनी को लाभ प्राप्त हुआ है.

जानकारी के लिए आपको बता दें कि एक Private Bank ने अपने नतीजे घोषित किए हैं तथा बताया है कि इस बैंक को तिमाही में घाटे का सामना करना पड़ रहा है. 

आपको बता दें कि इस बैंक का नाम Axis Bank है. इस तिमाही एक्सिस बैंक का घाटा 50 करोड़ से भी अधिक रहा है. एक्सिस बैंक ने अपने तिमाही नतीजों की Report शेयर बाजार के पास भेजी है.

एक्सिस बैंक को हुआ घाटा
आपको बता दें कि प्राइवेट सेक्टर के Axis Bank को वित्त वर्ष 2022 – 23 की चौथी तिमाही में 5 करोड़ का घाटा हुआ है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि सिटी इंडिया के खुदरा उपभोक्ता व्यवसाय के अधिग्रहण के कारण बैंक को यह घाटा उठाना पड़ा है.

एक्सिस बैंक ने वित्त वर्ष 2021 – 22 की जनवरी – मार्च की तिमाही में एकल आधार पर 4,118 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया था. आप ये लेख haryanaupdate.com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

सिटी बैंक का अधिग्रहण
आपको बता दें कि Axis Bank का शुद्ध NPA 0.2 प्रतिशत से कम होकर 0.39% हो गया है. इसके साथ ही फंसे कर्जो में कमी आने के कारण बैंक की वित्तीय प्रावधान की जरूरतें भी कम होकर 306 करोड रुपए हो गई है.

बैंक ने पिछले वर्ष 1 मार्च को सिटी बैंक के उपभोक्ता कारोबार एवं NBAFC उपभोक्ता कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा की थी. इस Agreement के लिए बैंक को 11,603 करोड रुपए का भुगतान करना पड़ा था.

बैंक परिणाम
Axis Bank ने स्वयं शेयर बाजार को सूचना देते हुए कहा कि बैंक की कुल आय आलोच्य अवधि के समय 22,000 करोड रुपए से बढ़कर 28,865 करोड रुपए हो गई है.

बैंक के निदेशक मंडल ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2022 के लिए प्रति शेयर 1 रुपये का लाभांश देने की बात की है. बैंक की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों 31 मार्च 2023 तक कुल उधार का 2.02% आ गई, जबकि 31 मार्च 2022 के अंत में यह 2.82% रही थी.


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