पुरानी कार खरीदने वाले इन बातों का रखें ध्यान
Haryana Update: आपको कुछ स्कैम्स के बारे में बताते हैं, जो अक्सर बिना-भरोसे वाले यूज्ड कार डीलर या प्लेटफॉर्म से कार खरीदने के बाद के दौरान होते हैं।
1. व्हीकल टाइटल
अक्सर पुरानी कार बेचने वाले विक्रेता इसके टाइटल को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर कर देते हैं, जिससे कार की हिस्ट्री जैसे बाढ़ के कारण खराबी, पूरी तरह से खराब हो चुकी कार (जिसकी मरम्मत न हो सके), ऐसे ज़रूरी पहलुओं को छिपा लिया जाता है। और, खरीदार धोखे में आकर अनजाने में खराब कार खरीद लेता है। एक तरह से यह जोखिम से भरा गेम है, जिसमें कार की खराब स्थिति और हिस्ट्री को छिपाया जाता है।
2.ओडोमीटर रोलबैक
सेकंड हैंड कार खरीदते समय ध्यान रखें कि ओडोमीटर रोलबैक करके आपको धोखा तो नहीं दिया जा रहा। कई बार कार बेचने वाले ओडोमीटर के साथ छेड़छाड़ करते हैं, जिससे खरीदार की कीमत का गलत अंदाजा लगता है। ओडोमीटर में बदलकर करके कार की हिस्ट्री छिपा ली जाती है, जिससे उसे ज़्यादा कीमत पर बेचा जा सके।
3. ब्याज दर
सेकंड हैंड कार मार्केट में आमतौर पर ब्याज की उंची दरें वसूली जाती हैं। तो अगर कोई विक्रेता आपसे फ्लैट इंटरेस्ट रेट का वादा करता है, तो सावधान हो जाइए। ये बातें सुनने में लुभावनी लग सकती हैं, लेकिन, अक्सर इनमें यह नहीं बताया जाता कि कार लोन रीड्यूसिंग रेट बेसिस पर दिए जाते हैं। यानी हो सकता है कि आप धोखे का शिकार हो जाएं और आपको बताई गई ब्याज दर की तुलना में आपको दोगुना ब्याज देना पड़े।
4.कार ओनर डिटेल
अक्सर सेकंड हैंड कार बेचने वाले विक्रेता, कार के पिछले मालिकों की संख्या के बारे में जरूरी जानकारी छिपा लेते हैं, ऐसे में खरीदार को कार की हिस्ट्री और अन्य जरूरी जानकारी नहीं मिलती। वह कार के ओरिजिनल डॉक्यूमेन्ट जैसे आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) दिखाने के बजाए, आपको फोटोकॉपी दिखाते हैं, जिसमें सिर्फ एक ही मालिक के बारे में बताया जाता है। और, कार की ज्यादा कीमत का झांसा दिया जाता है। तो हमेशा फिज़िकल ओरिजिनल डॉक्यूमेन्ट देखने के बाद ही कार खरीदने का फैसला सोच-समझ कर लीजिए।