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Wheat Price Hike : गेहूं के दामों में हुई 50% से ज्यादा बढ़ोतरी, जानिए नए दाम

wheat price hike 2025 : गेहूं के दाम पिछले समय से काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं आज हम आपको बताएंगे गेहूं के ताजा भाव क्या है गेहूं के ताजा भाव में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है अगर आप भी गेहूं के नए भाव जानना चाहते हैं तो फटाफट जानिए नीचे डिटेल में

 
Wheat Price Hike : गेहूं के दामों में हुई 50% से ज्यादा बढ़ोतरी, जानिए नए दाम
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Haryana Update : Wheat के Rates बुलेट ट्रेन की स्पीड से बढ़ रहे हैं। जिससे एक ओर किसानों को खुशी मिल रही है, तो दूसरी ओर आम उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है। आम उपभोक्ताओं को Wheat के Rates के कम होने का इंतजार है। 

हर दिन Per Quintal Price में हो रही बढ़ौतरी को देखते हुए फिलहाल Wheat के Price कमी होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। पिछले दो माह से Wheat Rate में बड़ा उछाल आया है। हालांकि सरकार Wheat के बढ़ते भाव पर लगाम कसने के लिए प्रयासरत है, लेकिन इसमें सफलता हासिल नहीं हो सकी है।


अब इतनी हुई Per Quintal Wheat की कीमत -

Wheat की Prices में लगातार बढ़ौतरी हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं की समस्याएं बढ़ गई हैं। पिछले हफ्ते में Wheat के Rates में लगभग 4 % का भारी उछाल देखने को मिला है। अब, Wheat के Rates तीन साल पहले के मुकाबले लगभग 50 % तक बढ़ चुके हैं। 

इस समय Wheat की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये से भी करीब 30 % से ऊपर चल रही हैं, इस कारण Wheat के Rates लगभग 3210 रुपये Per Quintal हो गए हैं।

यहां तक पहुंच सकते हैं Wheat के रेट-

Bazar व Mandi Bhav के जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में Wheat के Rates में कमी आने की संभावना नहीं है, जिससे किसानों को लाभ होगा और उपभोक्ताओं की परेशानियां बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि Wheat के Price 3500 रुपये Per Quintal के आंकड़े को भी पार कर सकते हैं। 

साल-दर-साल चौंका रहे आंकड़े -

हाल ही में Wheat के Rates में वृद्धि देखी गई है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं वितरण विभाग का कहना है, कि पिछले कुछ दिनों में Wheat के Per Quintal के मूल्य में 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और इसके Rates करीब 3212 रुपये  Per Quintal हो गए हैं, जिससे Wheat के उपभोक्ताओं को एक झटका लगा है। अब Wheat की कीमतें पिछले महीने की तुलना में और पिछले साल के मुकाबले क्रमश: 4 और17 % बढ़ गए हैं। 


अगर Wheat की Prices की तुलना करें पिछले तीन साल पहले से तो Wheat के Rates में करीब 50 % की एक बड़ी वृद्धि हुई है, जो वाकई चौंकाने वाला आंकड़ा है। इस समय मंडियों में Wheat की कीमतें काफी ऊंची चल रही हैं। Wheat के आंकड़े साल-दर-साल चौंका रहे हैं।

इस बार ज्यादा हुई Wheat की बुवाई -

2024-25 के रबी सीजन में Wheat की खेती पहले से अधिक जगह पर की गई है, और यह पिछले साल के मुकाबले करीब 2.21 % तक ज्यादा है। इससे उत्पादन भी अधिक होने की संभावना है। इस बार Wheat की खेती लगभग 322 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है। इस बार किसानों ने सामान्य मात्रा से भी करीब 8 लाख हेक्टेयर ज्यादा ज़मीन पर Wheat उगाया है। Wheat के बुवाई के लिए अधिक जगह के इस्तेमाल का एक कारण MSP के Rates में बढ़ौतरी भी माना जा रहा है।

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MSP में की गई है इतनी बढ़ौतरी-

सरकार ने समर्थन मूल्य में 150 रुपये Per Quintal की बढ़ोतरी की है, जिससे नए Wheat की बिक्री पर इसका मूल्य 2425 रुपये Per Quintal हो जाएगा। वैसे तो, अब बुवाई लगभग खत्म हो चुकी है, क्योंकि गर्मी बढ़ने से पौधे सूख सकते हैं और फसल सही से बढ़ नहीं पाएगी। फिलहाल तापमान अधिक बढ़ रहा है, ऐसे में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। Wheat की खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध कार्यों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।  

Wheat Rate में बढ़ौतरी का कारण -

Wheat Rate में हो रही तेजी का एक मुख्य कारण Demand के अनुसार आपूर्ति न होना है। इस समय ऑफ सीजन है और Bazar में आपूर्ति की कमी को माना जा रहा है। Price बढ़ने और बढ़े हुए MSP का लाभ उठाने के लिए किसानों ने स्टॉक को अगले सीजन तक रखने का निर्णय लिया है, जिससे Wheat की उपलब्धता कम हो गई है। इस बीच, बिस्किट और ब्रेड बनाने वाली कंपनियां ज्यादा Wheat खरीद रही हैं। ट्रेडर्स के पास भी स्टॉक की कमी है और सरकारी एजेंसी की आपूर्ति में देरी से स्थिति और बिगड़ी है। इस वजह से Wheat की Prices में तेजी देखी जा रही है।

कब मिलेगी महंगे Wheat से राहत-

केंद्र ने खाद्य निगम के माध्यम से 25 लाख टन Wheat की बिक्री ऑनलाइन नीलामी के जरिए शुरू की है, लेकिन प्रक्रिया धीमी चल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक पूरी नया Wheat मंडियों में नहीं आ जाता, तब तक Prices में कमी की संभावना कम है। फिलहाल Wheat की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है और Prices पर बढ़ोतरी का दबाव जारी रहेगा। अप्रैल तक राहत मिलने की उम्मीद कम है।