logo

Cold Lava: क्या है कोल्ड लावा, जिसने इंडोनेशिया मे मचाई तबाही, लापता हुए लोग

Cold Lava in Indonesia: 43 साल की रीना डेविना कहती हैं कि मैं गड़गड़ाहट और उबलने पानी जैसी आवाज सुनाई दी. यह बड़ी चट्टानों की आवाज थी. सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ था. इंडोनेशिया में कोल्ड लावा लोगों की मुश्किलों को बढ़ा रहा है. आइए जानते हैं, क्या होता है कोल्ड लावा और कैसे मुसीबतें बढ़ाता है.
 
Cold Lava: क्या है कोल्ड लावा, जिसने इंडोनेशिया मे मचाई तबाही, लापता हुए लोग
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

इंडोनेशिया में हुई बारिश ने तबाही मचा दी है. बाढ़ के हालात बन गए हैं. इस देश के सुमात्रा द्वीप पर भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों में कीचड़ के कारण हालात बिगड़ गए हैं. तस्वीरों में भयावहता देखी जा सकती है. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अब तक इससे 43 लोगों की मौत हो चुकी है. कोल्ड लावा के कारण 22 घर और 16 पुल तबाह हुए हैं. लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं.

लोगों का कहना है कि कोल्ड लावा उनके घरों की ओर बहता हुआ आ रहा था जिसके कारण उन्हें जगह छोड़कर भागना पड़ा. 43 साल की रीना डेविना कहती हैं कि मैं गड़गड़ाहट और उबलने पानी जैसी आवाज सुनाई दी. यह बड़ी चट्टानों की आवाज थी. सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ था. इंडोनेशिया में कोल्ड लावा लोगों की मुश्किलों को बढ़ा रहा है. आइए जानते हैं, क्या होता है कोल्ड लावा और कैसे मुसीबतें बढ़ाता है.

क्या है कोल्ड लावा, कैसे मची तबाही?

कोल्ड लावा को इंडोनेशिया में लहार के नाम से भी जाना जाता है. यह पानी, ज्वालामुखी की राख, चट्टान के टुकड़े और बर्फ के टुकड़ों का मिश्रण है, जो गीले कंक्रीट की तरह बहता है. कोल्ड लावा ज्यादातर नदी घाटियों में बहता है और तेज से गति आगे बढ़ता है. यह खड़ी ढलानों पर 75-80 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक स्पीड से बढ़ता है.

युनाइटेड स्टेट्स जियोग्राफिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, कोल्ड लावा, गीले कंक्रीट के घूमते हुए घोल जैसा दिखता है. यह लावा इमारतों, पुलों और सड़कों सहित अपने रास्ते में आने वाली लगभग किसी भी चीज़ को कुचल सकता है, दफना सकता है या अपने साथ ले जा सकता है.

Read also: Garuda Puran: इन परिस्थितियों मे महिलाएं कर सकती है पिंडदान और श्राद्ध

USGS के मुताबिक, यह आमतौर पर ज्वालामुखी विस्फोट से जुड़ा होता है, लेकिन जब कोई विस्फोट नहीं होता है तो भी लहार आ सकता है. कभी-कभी, भारी बारिश या बर्फबारी ज्वालामुखी की राख को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती है. इसे एक घोल बना देती है.

लहार को आमतौर पर तबाही मचाने वाले लावे के तौर पर जाना जाता है. यह कई बार पर्वतों से निकलने वाले लावे से भी ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है. वर्तमान में इसके कारण सुमात्रा में कई लोग मारे गए हैं. कई लापता हैं. जिन्हें ढूंढने के लिए पुलिस और मिलिट्री 40 लोगों की टीम लगाई गई है.

पहले भी बिगाड़े हालात

इंडोनेशिया में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को कोल्ड लावा और भी भयावह बनाने का काम कर रहा है. इसको लेकर पहले अप्रैल में उड़ानें रद्द कर दी गईं. सड़कें बंद कर दी गईं और 11,000 से अधिक लोगों को जगह खाली करने के लिए कहा गया था. अप्रैल में माउंट मेरापी के कारण आसमान में राख दिखाई दे रही थी. इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं. माउंट मेरापी इनमें इनमें से एक सक्रिय ज्वालामुखी है.

FROM AROUND THE WEB