IAS VS IPS दोनों में से किसके पास होती है ज्यादा पावर, जानें अंतर
यद्यपि इन सभी अधिकारियों का चयन एक ही एग्जाम से हुआ है, लेकिन उनका काम और दायित्व अलग-अलग हैं। तो चलिए बताते हैं कि आईएएस और आईपीएस के काम में क्या अंतर है और दोनों में कौन अधिक प्रभावी है।

IAS VS IPS: यूपीएससी (UPSC)या संघ लोक सेवा (Civil Service Exam)आयोग की परीक्षा पास करना कोई सपना नहीं है। देश भर में इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए लाखों छात्र संघर्षरत हैं। लेकिन चयनित आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईईएस (IES)या आईएफएस (IFS) अधिकारी ही सफल हो सकते हैं।
यद्यपि इन सभी अधिकारियों का चयन एक ही एग्जाम से हुआ है, लेकिन उनका काम और दायित्व अलग-अलग हैं। तो चलिए बताते हैं कि आईएएस और आईपीएस के काम में क्या अंतर है और दोनों में कौन अधिक प्रभावी है।
UPSC एग्जाम पास करने के बाद होता है IAS-IPS का चयन
मेंस एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद सभी उम्मीदवारों को एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना होता है, जिसमें उन्हें अपनी सभी जानकारियां देनी होती है और इसी आधार पर पर्सनैलिटी टेस्ट होता है. इन्हीं जानकारियों के आधार पर ही इंटरव्यू में भी सवाल पूछे जाते हैं. मेंस एग्जाम और इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और फिर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है. मेरिट लिस्ट अलग-अलग कैटेगरी यानी जनरल, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस के आधार पर तैयार की जाती है
मेरिट लिस्ट में मिली रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस या आईएफएस रैंक मिलती है. मेरिट लिस्ट में टॉप रैंक हासिल करने वालों को आईएएस पोस्ट मिलती और इसके बाद वालों को आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस के पद पर चुना जाता है. हालांकि, कई बार टॉप रैंक पाने वालें IPS बनना चाहते हैं तो निचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है.
3 महीने तक एक साथ होती है IAS-IPS की ट्रेनिंग
यूपीएससी एग्जाम के द्वारा आईएएस और आईपीएस चुने जाने के बाद दोनों की ट्रेनिंग मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में फाउंडेशन कोर्स से शुरू होती है. इस दौरान सभी कैंडिडेट्स को तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती है और बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल सिखाए जाते हैं. इसके अलावा मेंटल और फिजिकल मजबूती की भी ट्रेनिंग दी जाती है।
चुने गए अफसरों के लिए इंडिया डे का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी अफसर अपने-अपने राज्य की संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं और पहनावे, लोक नृत्य या फिर खाने के जरिए देश की 'विविधता में एकता' दिखाते हैं. ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को विलेज विजिट कराया जाता है और उन्हें सुदूर गांव में जाकर 7 दिन रहना होता है. इस दौरान उन्हें गांव की जिंदगी के हर पहलू को बारीकी से समझने का मौका मिलता है.
3 महीने बाद अलग-अलग होती है IAS-IPS की ट्रेनिंग
आईएएस अफसर और आईपीएस का काम बिल्कुल अलग होता है और इस वजह से दोनों की ट्रेनिंग भी अलग होती है. 3 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग के बाद आईपीएस के लिए चुने गए उम्मीदवारों की ट्रेनिंग हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में होती है, जबकि आईएएस ट्रेनी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में आगे की ट्रेनिंग करते हैं.
एक आईएएस अफसर को ज्यादा टफ ट्रेनिंग से गुजरना होता है और उनकी ट्रेनिंग में घुड़सवारी, परेड और हथियार चलाना शामिल होता है. वहीं 3 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग के बाद आईएएस अधिकारी की प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू होती है और इसमें एडमिस्ट्रेशन व गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी दी जाती है.
IAS और IPS में कौन होता है ज्यादा पावरफुल
आईएएस अधिकारी और एक आईपीएस अफसर का काम बिल्कुल अलग होता है और इसी हिसाब से दोनों की शक्तियां भी बिल्कुल अलग होती हैं. आईएएस अधिकारियों को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियंत्रित करती है, जबकि आईपीएस कैडर को केंद्रीय गृह मंत्रालय नियंत्रित करती है.
एक आईएएस अधिकारी की सैलरी आईपीएस अफसर की तुलना में ज्यादा होती है. किसी एक क्षेत्र में केवल एक आईएएस अफसर की तैनाती की जाती है, जबकि एक क्षेत्र में जरूरत के हिसाब से आईपीएस अधिकारी की संख्या कम या ज्यादा हो सकती है. इस हिसाब से आईएएस अधिकारी का पद, वेतन और अधिकार के मामले में एक आईपीएस अधिकारी से बेहतर होता है.
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