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Haryana Govt: हरियाणा वासियों के लिए खुशखबरी! अब पशुओं का भी होगा बीमा

Haryana Scheme 2023: पशुधन की चोरी कवरेज से बाहर है। पशुधन बीमा में रुचि रखने वाले लाभार्थी सरल पोर्टल (saralharayana.gov.in) पर या अपने निकटतम ई-सेवा केंद्र, अटल सेवा केंद्र, ई-दिशा केंद्र या अंत्योदय केंद्र पर आवेदन कर सकते हैं।
 
हरियाणा वासियों के लिए खुशखबरी! अब पशुओं का भी होगा बीमा

Haryana Update: हरियाणा सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना को लागू किया है, जिससे पशुधन को जोखिम से बचाया जा सके।


DC कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के पशुपालकों को धन देना है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के राष्ट्रीय पशुधन मिशन इस योजना को लागू कर रहे हैं।

डॉ. मनीष डबास ने बताया कि इस योजना में बीमित पशुधन की आकस्मिक और आकस्मिक मृत्यु शामिल होगी। पशुधन का बीमा कराने के 21 दिनों के बाद केवल आकस्मिक मृत्यु (पुलिस अधिसूचना आवश्यक) और बीमारी मृत्यु कवरेज शुरू होगा।

पशुधन की चोरी कवरेज से बाहर है। पशुधन बीमा में रुचि रखने वाले लाभार्थी सरल पोर्टल (saralharayana.gov.in) पर या अपने निकटतम ई-सेवा केंद्र, अटल सेवा केंद्र, ई-दिशा केंद्र या अंत्योदय केंद्र पर आवेदन कर सकते हैं।

अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से अधिक जानकारी प्राप्त करें। इसके लिए बैंक विवरण, परिवार पहचान पत्र, मतदाता कार्ड और राशन कार्ड की प्रति, पशुचिकित्सक द्वारा जारी पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र आदि देना होगा।

झज्जर जिले में अब तक 8500 पशुओं का बीमा किया गया है, उन्होंने कहा।

झज्जर पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनीष डबास ने बताया कि पशुओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है: छोटे और बड़े।

गाय, भैंस, घोड़े, ऊँट, गधे, खच्चर आदि बड़े जानवर हैं, जबकि भेड़, बकरी, सूअर आदि छोटे जानवर हैं। प्रत्येक परिवार पांच पशुओं को बीमा करा सकता है।

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एक बड़ा जानवर या दस छोटे जानवर एक पशुधन इकाई हैं। साथ ही, गौशालाएं अपने पांच पशुओं को बीमा कर सकती हैं। पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों का परिवार है।

डॉ. डबास ने कहा कि अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा अधिक से अधिक पशुपालकों तक पहुंचने के लिए नि:शुल्क है, जबकि अन्य वर्गों के पशुपालकों के लाभार्थी प्रति वर्ष 100, 200 और 300 रुपये प्रति पशुधन का भुगतान कर सकते हैं। सालाना 100, 200 और 300 रुपये प्रति पशुधन के प्रजनक की दूध देने की क्षमता पर निर्भर करेगा।

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