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Rajasthan Canal Project: राजस्थान के लोगों के लिए खुशखबरी, अब WRCP इन 7 जिलों में मिलेगा खूब पानी

Western Rajasthan Canal Project : Rajasthan में हमेशा से ही जल संकट रहा है. इससे निजात दिलाने के लिए राजस्थान सरकार अब डब्ल्यूआरसीपी (WRCP) विवाद सुलझाने में जुटी हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विवाद सुलझा तो जालौर सहित प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई की तस्वीर बदल जाएगी।

 
Rajasthan Canal Project: राजस्थान के लोगों के लिए खुशखबरी, अब WRCP इन 7 जिलों में मिलेगा खूब पानी
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Rajasthan Canal Project : जयपुर। ERCP (राम जल सेतु लिंक परियोजना) से जुड़ा विवाद समाप्त होने के बाद, राज्य सरकार अब पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना (WRCP) से जुड़ा विवाद सुलझाने में लगी हुई है।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुजरात के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें माही बेसिन का पानी सिर्फ राजस्थान के लिए उपयोग करने के अनुबंध की जानकारी दी गई है।  यदि विवाद हल होता है, तो जालौर सहित राज्य के कई जिलों में सिंचाई व्यवस्था ही बदल जाएगी।  वहीं लाखों लोगों को पेयजल भी मिलेगा।


यद्यपि जल संसाधन विभाग ने सर्वे पूरा कर लिया है, लेकिन दोनों राज्यों के बीच जल समझौते पर समझौता नहीं होने तक डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) नहीं बनाया जाता।  जलशक्ति मंत्रालय भी जल विवाद को नियंत्रित करता है।


 इसलिए आशा अधिक


गुजरात और राजस्थान में भाजपा की सरकारें हैं।  इस मामले में दोनों राज्यों के सीएम ने सहयोग किया है।  Interstate water supply पर केंद्र सरकार लगातार सक्रिय है।  ERCP के विवाद को उनके स्तर पर ही हल किया गया है।  पश्चिमी राजस्थान के बहुत से विधायकों ने इसकी आवश्यकता व्यक्त की है।  सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक इसमें प्रमुख हैं।  हाल ही में विधानसभा में भी सरकार पर दबाव डाला गया। 
 जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत का जवाब भी सकारात्मक रहा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद पश्चिमी राजस्थान के विधायकों के साथ बैठक कर चुके हैं।

इन जिलों को जोड़ा जा सकता है

 


पश्चिमी राजस्थान के जालौर, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर के अलावा बांसवाडा, डूंगरपुर तक भी पानी पहुंच सकता है।
 

 

यह होगा फायदा
-4.5 मिलियन हेक्टेयर रेगिस्तानी भूमि को कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
-पश्चिमी राजस्थान की डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी को पीने का पानी उपलब्ध होगा।
-कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन रुकेगा।
-भूजल स्तर में सुधार होगा।
-उद्योगों के लिए भी पानी उपलब्ध होगा।


गुजरात से यह है समझौता


10 जनवरी 1966 को राजस्थान और गुजरात सरकारों ने समझौता किया।  इसके परिणामस्वरूप, गुजरात सरकार ने माही बांध के निर्माण में 55 प्रतिशत लागत देने और 40 टीएमसी पानी लेने पर समझौता किया।  जब नर्मदा का पानी गुजरात के खेड़ा जिले में पहुंच जाएगा, गुजरात उस पानी को राजस्थान के माही बांध से नहीं लेगा, और राजस्थान ही इसका उपयोग करेगा।  वर्षों पहले खेड़ा नर्मदा पानी से भर गया था।  इसके बावजूद, समझौते का पालन नहीं किया जा रहा है और गुजरात ने माही के पानी पर अपना अधिकार सुरक्षित रखा है।  350 किमी लंबी कैनाल से इस पानी को पहले जालोर तक ले जाने का लक्ष्य है।

इनका कहना है
फिजिबिलिटी रिपोर्ट का आंकलन किया जा रहा है, जिसके बाद आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात के सीएम से भी बात की है। उम्मीद है जल समाधान होगा और प्रदेश के पश्चिमी जिलों में पानी के लिए काम होगा।
-सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री

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