Anil Vij ने कसा काँग्रेस पर तंज़ कहा सिधू प्रवासी पक्षी है कभी इस डाल पे तो कभी उस डाल पे। सिख दंगो पर भी बने एक फिल्म।

Anil vij ने काँग्रेस पर तंज़ कसते हुए कहा की सिधू एक प्रवासी पक्षी है कभी इस डाल पे बैठ जाते है तो कभी उस डाल पे। उन्होने कहा की राजनीति मे कुछ प्रवासी पक्षी की तरह होते है। ये लोग डाल डाल पर घूमने वाले होते है लेकिन अब देश की जनता जागरूक हो चुकी है और ऐसे लोगों को पहचानती है।
सिख दंगों पर भी एक फिल्म बननी चाहिए
‘द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म’ देखकर आए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज Anil Vij ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री ने द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म बनाकर जो दबे हुए मुद्दे थे, उनकी सच्चाई को सामने लाने का काम किया है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार से अपने ही देश में अपने लोगों के साथ अत्याचार हुआ। उन्होंने कहा कि इसी तरह हिंदुस्तान में और भी घटनाएं हुई हैं, जैसे कि 1984 में सिखों के विरुद्ध दंगे हुए थे। इन दंगों पर किसी न किसी फिल्मकार को आगे आना चाहिए ताकि उस वक़्त की सच्चाई सामने लाकर इसे दिखाया जा सके।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज9Anil Vij) ने 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जिस तरह ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म में सच्चाई को सामने लाने का काम किया गया है, ठीक उसी तरह सन् 1984 में हुए सिख दंगों का सच भी किसी फिल्मकार को सामने लाना चाहिए।
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हरीश रावत पर ब्यान
पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस में मचे घमासान पर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस नेता हार की जिम्मेदारी अपने पर लेने के बजाए एक या दूसरे धड़े पर डालकर अपना चेहरा साफ करना चाह रहे हैं। कांग्रेस नेता हरीश रावत पर पार्टी द्वारा ही लगाए गए आरोपों पर कटाक्ष करते हुए गृह मंत्री अनिल विज9Anil Vij) ने कहा कि यदि हरीश रावत पर आरोप लगे हैं तो उन्हें खुद ही अपना त्याग पत्र दे देना चाहिए।
काँग्रेस के खत्म होने के दिन आए
कांग्रेस के जी-23 नेताओं के समूह की बैठक को लेकर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। कांग्रेस कई धड़ों में विभाजित हो चुकी है। कहीं जी-23 है, कहीं गांधी परिवार है और कहीं अलग प्रदेशों में लोगों ने अपने अलग-अलग धड़े बना रखे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि वास्तव में अब यह अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और कांग्रेस खत्म होने के दौर में चल रही है।
कांग्रेस के खत्म होने के दिन आ गए हैं, इसीलिए एक-दूसरे पर दोषारोपण करते हैं। अभी पांच प्रदेशों में कांग्रेस की शिकस्त हुई है, इस हार की जिम्मेदारी अपने पर लेने के बजाए यह एक धड़े या दूसरे धड़े पर मामले को डालकर अपना चेहरा साफ करने का प्रयास कर रहे हैं।