PM Modi: सूत्रो से मिली बड़ी सुचना! समय से पहले नरेंद्र मोदी सरकार नहीं कराएगी लोकसभा चुनाव, जाने क्या रचि है योजना
Voting News: आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आम चुनावों से पहले भाजपा सरकार आपको आश्चर्यचकित कर सकती है. हम आपको बता दे कि भाजपा पार्टी भारत के चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से पहले ही कुछ सीटों, ज्यादातर जो कि कमजोर सीटें है उनके उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने पर सक्रिय रूप से काम कर रही है.

Haryana Update: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सभी उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सिलेंडर की दरों में 200 रुपये की कटौती करने और उज्ज्वला योजना को और 75 लाख लाभार्थियों तक विस्तारित करने के आश्चर्यजनक फैसले ने अटकलें तेज कर दी हैं कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अगले साल मई-जून से पहले इस साल के अंत में लोकसभा चुनाव करा सकती है.
विपक्षी मोर्चे I.N.D.I.A के कम से कम 2 मुख्यमंत्रियों- ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ने अंदाजा लगाया है कि आम चुनाव दिसंबर या जनवरी में हो सकते हैं. हालांकि, News18 को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि मोदी सरकार समय से पहले चुनाव कराने के मूड में नहीं है.
समय से पहले नहीं होगे लोकसभा चुनाव
आपको बता दे कि हमारे सूत्रों ने बताया कि हाल ही में नरेंद्र मोदी कैबिनेट के एक शीर्ष मंत्री समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने के विचार पर हंसे थे. प्रभावशाली भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि सरकार को समय से पहले चुनाव कराने पर विचार करना चाहिए या विचार होगा.
मंत्री ने कथित तौर पर तर्क दिया कि ऐसा कदम ‘गलत’ होगा, क्योंकि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मिला 303 सीटों का जनादेश 5 साल के लिए था. मंत्री ने कथित तौर पर कहा कि भाजपा सरकार ‘अपना कार्यकाल पूरा करेगी.’
एक अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता ने मंत्री के विचार को दोहराते हुए समय से पहले आम चुनाव की किसी भी संभावना के खिलाफ तर्क दिया. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर News18 को बताया, ‘विश्व नेताओं की लगातार रैंकिंग से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जैसे नेताओं को पछाड़कर शीर्ष स्थान पर है.
उनकी अप्रूवल रेटिंग 2019 से लगातार शीर्ष पर बनी हुई है. तो हम समय से पहले चुनाव क्यों कराना चाहेंगे?’ नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले, प्यू रिसर्च के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग 80% भारतीयों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति बहुत अनुकूल दृष्टिकोण है. इसमें यह भी कहा गया है कि लगभग 10 में से 7 भारतीयों का मानना है कि भारत हाल ही में अधिक प्रभावशाली हो गया है.
‘लोग विकास के एजेंडे पर भाजपा को वोट देंगे’
ऊपर उद्धृत भाजपा नेता के अनुसार, विपक्षी नेता पीएम मोदी की ‘विकासवादी राजनीति’ को अभी तक समझ नहीं पाए हैं. बीजेपी नेता ने तर्क दिया कि एलपीजी सिलेंडर की दरों में कटौती- जिससे 30 अगस्त से दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 903 रुपये और मुंबई में 902 रुपये हो गई है- का उद्देश्य मुद्रास्फीति पर लगाम लगाना है.
उन्होंने कहा, ‘लोग विकास के एजेंडे पर भाजपा को वोट देंगे, कीमतों में कटौती पर नहीं.’ उन्होंने आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सफलता और लाभार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए उन प्रेरक कारकों में से एक बताया जो भाजपा को फिर से निर्वाचित होने में मदद करेंगे.
हालांकि यह शुरुआती चुनावों जितना बड़ा नहीं हो सकता है, लेकिन आम चुनावों से पहले भाजपा आश्चर्यचकित कर सकती है. पार्टी भारत के चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही कुछ सीटों, ज्यादातर कमजोर सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है.
यह भगवा पार्टी द्वारा केंद्रीय चुनाव समिति की प्रारंभिक बैठक के बाद छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कमजोर सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के अनुरूप है. पिछले वर्ष के दौरान भाजपा ने 161 लोकसभा सीटों की पहचान की है, जिन्हें वह कमजोर मानती है और इन्हें जीतने पर अपना मुख्य ध्यान केंद्रित किया है.
पिछले साल, पार्टी ने देश भर में कमजोर बूथों को स्कैन करने के लिए दिलीप घोष और बिजयंत जय पांडा सहित चार सदस्यीय समिति का गठन किया था. साल भर चली इस कवायद में 161 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसके लिए शीर्ष नेताओं को ‘प्रवास’ (दौरे) के लिए भेजा गया और इन निर्वाचन क्षेत्रों में भगवा पार्टी को क्या दिक्कत है, इस पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया.
कहा जाता है कि वरिष्ठ भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस कवायद को हल्के में लेने वाले सांसदों पर सख्ती की है. पार्टी ने ‘प्रवास’ की समीक्षा के लिए 1 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है जिसमें अमित शाह और जेपी नड्डा सहित शीर्ष नेता शामिल होंगे.
भाजपा की नजर रायबरेली सीट पर
भाजपा सूत्रों ने संकेत दिया कि, समीक्षा बैठक के बाद, पार्टी के अगले चरण में आगे बढ़ने की संभावना है- वह है गतिशील उम्मीदवारों की तलाश जो इन सीटों पर प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती दे सकें. ऐसी ही एक सीट है उत्तर प्रदेश की मैनपुरी, जो यादव परिवार का गढ़ है, जिसका हाल ही में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दौरा किया था.
विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने सिक्किम की राजधानी गंगटोक का दौरा किया और अर्जुन राम मेघवाल ने जालंधर का दौरा किया. एक अन्य महत्वपूर्ण सीट गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली है.
2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी की करारी हार के बाद, भाजपा 2024 में रायबरेली से कांग्रेस को बाहर करने की उम्मीद कर रही है. सूत्रों ने हमे बताया कि बीजेपी इन सीटों पर चुनाव प्रचार में शुरुआती लाभ के लिए सभी 161 नहीं तो कुछ नामों की घोषणा करने पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है.
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