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Chandra grahan 2023: चंद्र ग्रहण, व्रत-उपवास का समय और सावधानियां !

ज्योतिषियों ने चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण माना है, हालांकि यह सिर्फ एक खगोलीय घटना है। हालाँकि, 30 साल बाद चंद्रग्रहण 2023 में शरद पूर्णिमा के साथ होगा। आइए जानते हैं कि भारत में यह चंद्र ग्रहण कब होगा और व्रत-उपवास का महत्व क्या है।
 
Chandra grahan 2023: चंद्र ग्रहण, व्रत-उपवास का समय और सावधानियां !

भारत में 2023 में चंद्रग्रहण का समय 28 अक्टूबर, कल भारत में चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण देश भर में दिखाई देगा ज्योतिषियों ने बताया कि 28 अक्टूबर को रात 11.30 बजे चंद्र ग्रहण शुरू होगा और 3.56 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण दोपहर 01:05 बजे होगा, मध्यकाल 01:44 बजे होगा और मोक्ष 02:24 बजे होगा। इस समय ग्रहण सबसे अधिक प्रभावित होगा। चंद्र ग्रहण का समय चार घंटे चौबीस मिनट होगा।

शनिवार, 28 अक्टूबर को भारत, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी प्रशांत महासागर और रूस के पूर्वी भाग में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। Chandra Grahan 2023 Sutak kaal timing: पूर्वी ब्राज़ील और कनाडा, उत्तर और दक्षिण अटलांटिक महासागरों में ग्रहण समाप्त हो जाएगा।

चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले व्रत-उपवास होता है, जिसमें कई शुभ और मांगलिक कार्य प्रतिबंधित होते हैं। 28 अक्टूबर को शाम 04:05 बजे इस चंद्र ग्रहण का व्रत होगा। इस समय मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। उपवास के दौरान भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए या उनकी छवियों को छूना चाहिए।

मेष राशि में यह चंद्र ग्रहण होने वाला है। यही कारण है कि राशि चक्र की दूसरी राशि पर ग्रहण शुभ या बुरा हो सकता है। ज्योतिषियों का कहना है कि मिथुन, कन्या और कुंभ राशि को चंद्र ग्रहण से लाभ मिलेगा। इसलिए वृष, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लोग सावधान रहें।

1. चंद्र ग्रहण का व्रत काल शुरू होने पर मंदिर में पूजा-पाठ न करें। देवताओं की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए।

2. व्रत पूरा करने के बाद घर में भोजन न बनाएं। इसके बजाय, व्रत से पहले घर में बनाए गए खाने में तुलसी के पत्ते मिलाकर खाना बनाएं।

3. चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान क्रोध मत करो। अगले 15 दिनों तक इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव रह सकता है।

4. चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023: Effects on Zodiac Signs) के दौरान किसी भी सुनसान स्थान या कब्रिस्तान पर न जाएं। नकारात्मक शक्तियां इस दौरान बहुत हावी रहती हैं।

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5. व्रत की अवधि शुरू होने पर कोई नया या शुभ काम नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान कहा जाता है कि नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है।

6. चंद्र ग्रहण का व्रत शुरू होने के बाद तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा, खराब या खराब सामग्री का इस्तेमाल करने से बचें।

चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए?

1. चंद्र ग्रहण के दौरान केवल भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए, जो दस गुना अधिक शुभफल देते हैं।

2. चंद्र ग्रहण करने के बाद शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए और गरीबों को दान देना चाहिए।

3. चंद्र ग्रहण के बाद घर साफ करना चाहिए। ऐसा करने से घर की सभी बुरी ऊर्जा बाहर निकल जाती है।

4. ग्रहण के दौरान जरूरतमंदों को कपड़े, पक्षियों को खाना और गायों को घास देने से कई गुना अधिक पुण्य मिलता है।
 

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