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गरुड पुराण: ये 3 आदतों से होता गृह कलेश, आज से ही छोड़ दें

पुराण साहित्य में गरूण पुराण एक प्रमुख स्थान रखता है. साधारण लोग गरुण पुराण को पढने से डरते हैं, क्योंकि गरुण पुराण को किसी के मृत्यु के पश्चात ही पढवाया जाता है. वास्तव में गरुण पुराण में किसी के मृत्यु के पश्चात् होने वाली घटनाओं के बारे में वर्णन किया गया है.
 
गरुड पुराण: ये 3 आदतों से होता गृह कलेश, आज से ही छोड़ दें, garuda purana

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में 18 महापुराणों में से एक माना जाता है. महापुराण कहे जाने वाले इस गरुड़ पुराण में सृष्टि की शुरुआत से लेकर मृत्यु के बाद तक की बातों का वर्णन किया गया है. इसके साथ ही लोगों के जीवन से जुड़ी तमाम बातों को महत्व भी दिया गया है, जिनका पालन करके मनुष्य कई समस्याओं से बच सकता है. गरुड़ पुराण में ऐसी ही तीन आदतों के बारे में दर्शाया गया है, जिनको अगर नहीं सुधारा गया तो घर में क्लेश और पति-पत्नी के बीच झगड़ों की वजह बनती रहेगी.

1. घर में कबाड़ इकट्ठा करना कुछ लोगों की आदत सी होती है. वह किसी भी चीज को फेंकना नहीं चाहते हैं, बल्कि उसे कबाड़ की तरह संभालकर रखे रहते हैं. इसी वजह से घर में बिना मतलब का कबाड़ जमा हो जाता है, लेकिन घर में जमा कबाड़ हमेशा किसी समस्या का कारण बन जाता है. इससे घर में नकारात्मकता तो आती ही है और साथ ही आपसी रिश्ते भी खराब हो जाते हैं.

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2. घर में साफ-सफाई का होना बहुत आवश्यक है, साफ-सफाई रखने से घर में बीमारियों का वास नहीं होता है, लेकिन बहुत से लोग इन मामलों में काफी लापरवाह होते हैं. आपको बता दें कि ऐसे घरों में हमेशा नकारात्मकता बनी रहती हैं और बीमारियां भी अपनी जड़े मजबूत किये रहतीं हैं. इसके साथ ही झगड़े भी बने रहते हैं,गरुड़ पुराण में घर में सुख शांति बनाए रखने के लिए घर को व्यवस्थित और साफ सुथरा रखने और स्वयं की भी स्वच्छता का ध्यान रखने की बात कही गई है.

3. आपने अक्सर कई लोगों के घर में देखा होगा कि रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन किचेन के सिंक में ही पड़े रह जाते हैं, लेकिन इसके ही वजह से घर के सदस्यों के बीच आपसी फूट पड़ती है और झगड़े बढ़ते हैं. बता दें कि घर में नकारात्मक ऊर्जा की नजर से बचाने के लिए इस आदत को बदल देना चाहिए और जूठे बर्तनों को रात में ही धुलकर रखना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Haryanaupdate.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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