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Haryana Wheat Trade: गेहूं खरीद में हरियाणा नंबर वन पर, सरकार ने लिा बड़ा फैसला!

Haryana Wheat Trade: सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। यही नहीं, सरकार को 72 घंटे के अंदर गेहूं की खरीद, उठान और भुगतान करने का वादा करना चाहिए। 

 
Haryana Wheat Trade

Haryana Update: आपको बता दें, की सरकारी गेहूं खरीद अब तेज हो गई है। हरियाणा के मुख्य सचिव ने गेहूं खरीद से जुड़े अधिकारियों को एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं को मंडियों से तुरंत उठाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह आरोप हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कुछ मंडियों का दौरा करने के बाद लगाया है। गर्ग ने कहा कि अनाज मंडियों में इस समय लगभग 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिक चुका है, लेकिन खरीदे गए गेहूं का उठान नहीं होने से लगभग 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं सड़कों और मंडियों पर पड़ा हुआ है। 

यह सुनिश्चित करें कि खरीदा गया गेहूं उठाकर गोदाम में नहीं रखा जाएगा, क्योंकि इससे दूसरे किसानों को गेहूं लाने की जगह नहीं मिलेगी। लेकिन राज्य सरकार ने खरीदे गए गेहूं को उठाने के लिए रविवार को मंडियों को बंद करने का निर्णय लिया है।

इस पर गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री के गेहूं खरीद, उठान और भुगतान के दावे असत्य हैं। सरकार के झूठे व खोखले दावे किसानों और आढ़तियों को बर्बाद कर रहे हैं। उनका कहना था कि किसानों की फसल को समय पर खरीद, उठान और भुगतान नहीं करने वाले मुख्यमंत्री को पद पर नहीं रहना चाहिए। 

गर्ग ने कहा कि हरियाणा में लगातार बारिश ने किसानों की लाखों क्विंटल गेहूं व सरसों को नुकसान पहुँचाया है। खराब फसल को सरकार को तुरंत भुगतान करना चाहिए।

गेहूं उठाने के ठेकेदार गेहूं उठाने के नाम पर आढ़तियों से तीन से पांच रुपये प्रति बोरी की दर से मांग रहे हैं, क्यों नहीं उठाया जा रहा गेहूं गर्ग ने कहा। सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर ठेकेदार गेहूं उठाने में देरी कर रहे हैं। गेहूं उठाने में देरी करने वाले सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। यही नहीं, सरकार को 72 घंटे के अंदर गेहूं की खरीद, उठान और भुगतान करने का वादा करना चाहिए, ताकि किसानों, आढ़तियों और पल्लेदारों (ब्रोकर और बिक्रेता) को राहत मिल सके।
 
जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी एजेंसियां देश में अब तक 73 लाख टन से अधिक गेहूं खरीद चुकी हैं। हरियाणा इसमें सबसे आगे है। अब तक यहां 34 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। इसके अलावा, इस साल राज्य को बफर स्टॉक के लिए 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। 

गेहूं की बंपर आवक (राज्य के बाजार में गेहूं) राज्य की कई मंडियों में हो रही है। व्यापार मंडल का कहना है कि मंडियों में गेहूं रखने की जगह नहीं बची है, इसलिए पहले से खरीदा गया गेहूं उठान नहीं होने से दूसरे किसानों को गेहूं बेचने में मुश्किल हो रही है।


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