NCR News : NCR के 5 हजार परिवार होंगे बेघर, सरकार ने बुलडोजर चलाने के दिये ऑर्डर
NCR के इस इलाके में अवैध रूप से बनाई गई कॉलोनी के 5000 घरों पर जल्द ही बुलडोज़र चलने वाला है, जिससे 20,000 से अधिक लोगों की भूख-प्यास और नींद उड़ गई है. आइये पूरी बात जानते हैं।
एनसीआर में दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर के पास बसीं अवैध कॉलोनियों में बने लगभग 5 हजार घरों को तोड़ने की खबर से 20 हजार से अधिक लोगों की भूख-प्यास और नींद उड़ गई है। यमुना की तलहटी में बसंतपुर, अटल चौक, नूर चौक, शिव एंक्लेव पार्ट-दो, तीन और अजय नगर सहित कई कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने की योजना फरीदाबाद नगर निगम ने बनाई है। इनमें रहने वाले लोगों को नोटिस के जरिए अपने घरों को पांच दिन में खाली करने का समय दिया गया है।
दशक से चल रहा दिल्ली सीमा पर सरकारी जमीन बेचने का खेल
दिल्ली बॉर्डर से सटे फरीदाबाद में एक दशक से अधिक समय से भू-माफिया ने सरकारी जमीन बेचने का खेल जारी रखा है। भू-माफिया ने पांच अवैध कॉलोनियां बनाकर दूसरे राज्यों और शहरों के लोगों को सस्ती जमीन और घरों का झांसा दिया। इन भू-माफियाओं ने बसंतपुर, यमुना किनारे, इस्माइलपुर, अटल चौक, अजय नगर, शिव एंक्लेव, रोशन नगर, सेहतपुर और सूर्या कॉलोनी में सरकारी जमीन बेच दी है। जमीन खरीदने वालों को बाद में जमीन और उस पर बनाए गए घरों से हाथ धोना पड़ रहा है, इससे सरकार का राजस्व भी नुकसान हो रहा है। इससे उनकी मुसीबत बढ़ जाती है। अधिकारी अभी सरकारी जमीन पर अधिग्रहण करके अवैध निर्माण कर रहे हैं।
पांच से अधिक कॉलोनी बनाई गई: ऐसे ही भू-माफियाओं ने बसंतपुर में यमुना किनारे कई कॉलोनियां बनाईं। क्षेत्र में कई प्रॉपर्टी डीलरों के कार्यालय हैं। वहां अपना घर, सस्ती जमीन सहित बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगे हैं। जमीन और घरों को आसानी से उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे भू-माफियाओं के झांसे में आ गए जब उन्हें लुभावने बैनर पोस्टर दिखाया गया था। यमुना के डूब क्षेत्र में जमीन खरीदते समय कहा गया कि यह उनकी निजी संपत्ति है। बिजली और पानी के माध्यम से सुंदर सड़क बनाने का वादा किया गया था और कहा गया था कि इन इलाकों में कभी बाढ़ नहीं होगी।
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ऐसे में हजारों लोग माफियाओं से जुड़ गए और 10 से 15 हजार रुपये प्रति गज की दर से 30, 50, 60, 70 या 100 गज की जमीन खरीदने लगे। कई लोगों ने जमीन खरीदकर घर बनाने में पूरी जमा पूंजी लगा दी। लोगों को अब आसियाना खोने का डर है। 20 हजार से अधिक लोगों की नींद उड़ गई है और उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं।
जमीन इस प्रकार है: यमुना किनारे कई भागों की जमीन है, सूत्र बताते हैं। एयरफोर्स, सिंचाई विभाग और नगर निगम के पास जमीन है। जबकि एयरफोर्स की जमीन सुरक्षित बताई जाती है, नहर के पार कई कॉलोनियां सिंचाई विभाग और नगर निगम की जमीन पर बस गई हैं। यहां तक कि कई अवैध कॉलोनियों में भी बहुत लोग रहते हैं।
सब कुछ ध्वस्त हो जाएगा अगर घर नहीं रहेगा।
यमुना किनारे बसंतपुर में रहने वाली एक महिला ने कहा कि वह दिल्ली-एनसीआर में अपना घर बनाने के लिए सब कुछ कर दी। उसने गांव की पुस्तैनी जमीन को खरीदने के लिए बेच दी। उस जमीन का धन फरीदाबाद के घर में लगाया गया था। पति बीमार भी रहते हैं। उनका परिवार छोटी-सी दुकान से चलता है। सब कुछ ध्वस्त हो जाएगा अगर घर नहीं बचा।
विरोध की तैयारी कर रहे लोग
यमुना डूब क्षेत्र में बनी कॉलोनियों में मकानों को खाली करने के नोटिस से लोगों की चिंता बढ़ गई है। निगम की प्रस्तावित विध्वंसक कार्रवाई के खिलाफ लोगों का एकजुट होना इस बात का संकेत है। वह इसके खिलाफ होगा। यहां तक कि कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए भी अदालत में जाएंगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह अपना घर नहीं टूटने देगा क्योंकि वह मेहनत से एक-एक ईंट जोड़ी बनाया है।