8th Pay Commission Implementation: कब से लागू होगा नया वेतन आयोग? जानें एक्सपर्ट की राय

कब लागू होगा 8th Pay Commission
इतिहास पर नजर डालें तो वेतन आयोगों के गठन में अलग-अलग समय लगा है। एकॉर्ड ज्यूरिस के मैनेजिंग पार्टनर और कानूनी एक्सपर्ट ने पिछले वेतन आयोगों की समयसीमा के बारे में बताया।
5वां वेतन आयोग: अप्रैल 1994 में मंजूरी मिली और जून 1994 में औपचारिक रूप से गठित हुआ, यानी महज दो महीने के भीतर।
6वां वेतन आयोग: जुलाई 2006 में घोषित किया गया और अक्टूबर 2006 में गठित हुआ, यानी लगभग तीन महीने का समय लगा।
7वां वेतन आयोग: 25 सितंबर, 2013 को घोषित किया गया और 28 फरवरी, 2014 को औपचारिक रूप से गठित हुआ – यानी लगभग पांच महीने का अंतर।
इसे देखकर ये तो साफ है कि घोषणा के बाद कुछ ही महीनों में समिति का गठन हो जाता है। हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यह पिछले पैटर्न को फॉलो करता है तो 8वां वेतन आयोग मार्च से जुलाई 2025 के बीच गठित हो सकता है।
वेतन आयोगों की भूमिका क्या है
एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार आमतौर पर हर दशक में एक नया वेतन आयोग (A new pay commission) गठित करती है, ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना, पेंशन और भत्तों का पुनर्मूल्यांकन किया जा सके। इन सिफारिशों में आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति और अन्य वित्तीय पहलुओं (Role of Pay Commissions) को ध्यान में रखा जाता है, ताकि कर्मचारियों को उचित मुआवजा मिल सके। आपको बता दें, 2026 में लागू होने वाले इस आयोग को लेकर अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार 8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन कब करती है। यह कदम केंद्र सरकार (Central government) के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को प्रभावित करेगा।
Fitment Factor कितना बढ़ सकता है
फिटमेंट फैक्टर वेतन बढ़ोतरी का निर्धारण करता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे लेवल-1 कर्मचारियों का मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। वहीं, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और परिवहन भत्ता जोड़ने के बाद कुल वेतन 36,020 रुपये हुआ था। लेकिन, 8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ा, जिसका अनुमान लगाया जा रहा है तो, लेवल-1 का मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है।