logo

8th Pay Commission: ऐसे तय होता है फिटमेंट फैक्टर, जानिए कितनी बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी!

8th Pay Commission: केंद्र सरकार हर दशक में वेतन आयोग लागू करती है, और 2016 में 7वें वेतन आयोग को लागू किया गया था। अब इस आयोग को लागू हुए दस वर्ष पूरे होने वाले हैं। जल्द ही 8वें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है, जो कर्मचारियों के लिए नई उम्मीदें लेकर आएगा। नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
 
8th Pay Commission: ऐसे तय होता है फिटमेंट फैक्टर, जानिए कितनी बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी!
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana update, 8th Pay Commission : केंद्र सरकार अक्सर हर दशक में वेतन लागू करती है। 2016 में सरकार ने 7वें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) शुरू किया था। इस वेतन आयोग को लागू होने के दस वर्ष पूरे होने वाले हैं। 7वें वेतन आयोग की समाप्ति जल्द ही होने के कारण केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग या नवीन वेतन आयोग का गठन करने का फैसला किया है। नए वेतन आयोग से कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ेगी। समाचार में 8वें वेतन आयोग के तहत निर्धारित फिटमेंट फैक्टर के बारे में विस्तार से जानें।

7वें वेतन आयोग का कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

जनवरी में केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अगले साल यानी 2026 में 8वें वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। 7वें वेतन आयोग दिसंबर 2025 में समाप्त हो जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में भी नए वेतन आयोग से बढ़ौतरी होगी। यह सब फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा।

फिटमेंट फैक्टर क्या है?

वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने की सिफारिशें केवल फिटमेंट फैक्टर पर लागू की जाती हैं। फिटमेंट फैक्टर एक कारक है जो कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन में वृद्धि को निर्धारित करता है। यह सिर्फ मुद्रास्फीति, कर्मचारियों की जरूरतों और सरकार की वित्तीय क्षमता पर विचार करके निर्धारित होता है। 

फिटमेंट फैक्टर और वेतन बढ़ौतरी इस प्रकार निर्धारित होते हैं:

1. वेतन आयोग में महंगाई दर में कितनी बढ़ौतरी होगी, यह जानने की कोशिश की जाती है। कर्मचारियों का वेतन महंगाई पर निर्भर करता है। इसमें इस बात का ध्यान दिया जाता है कि कर्मचारियों को आधुनिक सुविधाएं मिलना कितना मुश्किल हो रहा है। इन बातों को ध्यान में रखकर फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया जाता है।

2. 8th CPC के वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन की सिफारिश (वेतन की सिफारिश) को लागू करने के दौरान चावल, गेहूं, दाल, सब्जी, दूध, चीनी, तेल, बिजली, पानी के बिल और बड़े कार्यक्रमों के खर्चों पर ध्यान दिया जाता है।

फिटमेंट बनाते समय देश की अर्थव्यवस्था भी ध्यान में रखी जाती है। वेतन आयोग को लागू करते समय देश की अर्थव्यवस्था पर भी विचार किया जाता है। यदि देश की इकोनॉमी की ग्रोथ (विकास) अच्छी रही है, तो वेतन में अधिक बढ़ौतरी होने की संभावना रहती है।

4। वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने के लिए उनके प्रदर्शन पर भी ध्यान दिया जाता है। यदि कर्मचारियों की ओवरऑल परफॉर्मेंस भी सुधरती है, तो इसका असर वेतन आयोग की सिफारिशों पर दिखाई देता है।

वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (Basic Salary Hike) को बढ़ाने की सिफारिश करते समय इस बात पर भी विचार किया जाता है कि प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को कितना वेतन दे रही हैं। इससे भी केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन प्रतिस्पर्धी है।

बेसिक सैलरी में भी भारी वृद्धि होगी—

फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने बताया कि 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 प्रतिशत के बीच दिया जा सकता है। इससे भी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो सकती है। 

इस प्रकार, कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Basic Salary in 8th CPC) 40,000 रुपये से अधिक हो सकती है। इसमें परफॉर्मेंस पे और भत्ते भी शामिल होंगे। पेंशनभोगियों को भी यही लाभ मिलेगा।
8वें CPC के तहत सैलरी में इतना उछाल होगा-

6वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक वेतन 7,000 रुपये था। 7वें वेतन आयोग (7th CPC नवीनतम अपडेट) के तहत इस वेतन को 18 हजार रुपये तक बढ़ा दिया गया है। इसका अर्थ है कि केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना के हिसाब से देना शुरू कर दिया था।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी इससे 14.2% बढ़ी। अब नए वेतन आयोग में वेतन बढ़ौतरी की अधिक संभावना है, जो फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगी। 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को लगभग ढाई गुना तक अधिक भुगतान मिल सकता है।