पैतृक संपत्ति: परिवार में किसके पास है बेचने का अधिकार? जानिए कानून क्या कहता है!

पैतृक संपत्ति क्या होती है?
भारत में संपत्ति दो प्रकार की होती है –
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स्वयं अर्जित संपत्ति: यह वह संपत्ति होती है जो किसी व्यक्ति ने खुद अर्जित की हो, या उसे उपहार, दान, या कानूनी उत्तराधिकार के माध्यम से मिली हो।
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पैतृक संपत्ति: यह वह संपत्ति होती है जो किसी व्यक्ति को उसके पूर्वजों से मिली होती है। इस प्रकार की संपत्ति पर परिवार की चार पीढ़ियों का अधिकार होता है।
पैतृक संपत्ति को बेचना उतना आसान नहीं होता जितना कि स्वयं अर्जित संपत्ति को बेचना। इसके लिए कुछ विशेष कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं।
पैतृक संपत्ति को बेचने के नियम
किसी भी पैतृक संपत्ति की बिक्री के लिए केवल एक व्यक्ति का निर्णय पर्याप्त नहीं होता।
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परिवार के सभी हितधारकों की सहमति अनिवार्य: इस प्रकार की संपत्ति को बेचने के लिए परिवार की चार पीढ़ियों के सभी कानूनी उत्तराधिकारियों की सहमति जरूरी होती है।
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बेटियों का भी अधिकार: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में समान अधिकार प्राप्त हैं। इसलिए पैतृक संपत्ति की बिक्री में उनकी सहमति भी आवश्यक होती है।
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आंशिक मालिकों के निर्णय से संपत्ति नहीं बिकेगी: अगर परिवार के कुछ सदस्य ही संपत्ति बेचने के पक्ष में हैं, लेकिन अन्य सदस्य सहमत नहीं हैं, तो संपत्ति की बिक्री अवैध मानी जाएगी।
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न्यायालय की अनुमति आवश्यक हो सकती है: कुछ मामलों में, यदि कोई उत्तराधिकारी बिक्री के लिए सहमत नहीं है, तो संपत्ति के अन्य हितधारक न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
बिना सहमति के बिक्री करने पर क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति पैतृक संपत्ति को बिना सभी उत्तराधिकारियों की सहमति के बेचता है, तो:
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कानूनी नोटिस मिल सकता है: असंतुष्ट उत्तराधिकारी संपत्ति की बिक्री को चुनौती दे सकते हैं और कानूनी नोटिस भेज सकते हैं।
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बिक्री रद्द हो सकती है: यदि संपत्ति को गलत तरीके से बेचा गया है, तो अदालत इस बिक्री को अवैध घोषित कर सकती है।
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विवाद का कारण बन सकता है: बिना सहमति के बिक्री करने से पारिवारिक विवाद बढ़ सकते हैं और कानूनी लड़ाई लंबी चल सकती है।
पैतृक संपत्ति की बिक्री एक जटिल प्रक्रिया है जिसे करने से पहले सभी कानूनी पहलुओं को समझना जरूरी होता है। परिवार के सभी हितधारकों की सहमति और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने से संपत्ति की बिक्री बिना किसी विवाद के संपन्न हो सकती है। अगर किसी को संपत्ति से जुड़े अधिकारों की जानकारी नहीं है, तो उन्हें कानूनी सलाह जरूर लेनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।