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हरियाणा में फैमिली आइडी को लेकर बड़ी खुशखबरी!, जानें क्या हैं सरकार के नए निर्देश

हरियाणा सरकार ने फैमिली आइडी से जुड़े नए निर्देशों का ऐलान किया है। इस योजना के तहत हर परिवार को एक यूनिक फैमिली आइडी मिलेगी, जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इससे योजनाओं के सही वितरण में मदद मिलेगी और फर्जी लाभार्थियों की पहचान की जा सकेगी। ये निर्देश 31 जनवरी तक लागू हो सकते हैं। नीचे जानें पूरी जानकारी।
 
हरियाणा में फैमिली आइडी को लेकर बड़ी खुशखबरी!, जानें क्या हैं सरकार के नए निर्देश
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Haryana update : हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र (PPP) की शुरुआत एक महत्वाकांक्षी योजना के रूप में की थी, जिसका उद्देश्य परिवारों की पहचान और उनके सदस्यों की जानकारी को एकीकृत करना था। इस योजना के जरिए सरकार ने विभिन्न लाभ और सब्सिडी को सही व्यक्तियों तक पहुँचाने की कोशिश की थी, ताकि लाभार्थियों को पारदर्शी तरीके से सुविधा मिल सके। हालांकि, इसके अनिवार्य होने के कारण कई नागरिकों को बुनियादी सेवाओं से वंचित होना पड़ा।

हाई कोर्ट का हस्तक्षेप

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि परिवार पहचान पत्र (PPP) की प्रक्रिया को स्वैच्छिक बनाया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बुनियादी सेवाओं जैसे पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से किसी भी नागरिक को वंचित नहीं किया जा सकता। इस आदेश का उद्देश्य नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करना और सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को बढ़ाना था।

याचिका की पृष्ठभूमि और विवाद

यह मामला तब सामने आया जब कुछ याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में उनके आवेदन पीपीपी से जुड़ी समस्याओं के कारण खारिज कर दिए गए थे। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि गलत पिछड़ा वर्ग (BC) प्रमाणपत्र अपलोड करने के बावजूद, इसे पीपीपी डेटा से सत्यापित किया जा सकता था, जिससे उनके आवेदन में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए थी।

राज्य सरकार का पक्ष

हरियाणा सरकार ने अदालत को यह बताया कि पीपीपी की अनिवार्यता मौलिक और आवश्यक सेवाओं तक सीमित की गई थी। सरकार का कहना था कि सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के लिए इसे अनिवार्य बनाया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य नागरिकों को ही इनका लाभ मिले।

कोर्ट का आदेश और सुधारात्मक दिशा-निर्देश

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पीपीपी की अनिवार्यता के कारण किसी भी नागरिक को आवश्यक सेवाओं से वंचित नहीं किया जाए। इसके अलावा, कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह 29 जनवरी तक एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करे और सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करें।

पीपीपी योजना के लाभ और चुनौतियाँ

परिवार पहचान पत्र योजना के कुछ प्रमुख लाभ हैं:

  • सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्र व्यक्तियों तक पहुँचता है।

  • यह धोखाधड़ी को रोकने में मदद करती है।

  • राज्य सरकार को परिवारों की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है, जिससे योजना के लाभ वितरण में सुधार होता है।

हालांकि, इस योजना की अनिवार्यता ने कई नागरिकों को बुनियादी सेवाओं से वंचित कर दिया था, जिससे नाराजगी बढ़ी।

हाई कोर्ट का निर्णय

हाई कोर्ट का यह निर्णय नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रशासनिक प्रक्रियाएँ पारदर्शी रहें और कोई भी व्यक्ति सरकारी सेवाओं से वंचित न हो। कोर्ट का आदेश प्रशासन को और अधिक सजग और जिम्मेदार बनाएगा।

आगे की दिशा

अब हरियाणा सरकार को पीपीपी प्रक्रिया में कुछ सुधार करने होंगे, ताकि यह सिर्फ जरूरी योजनाओं तक सीमित रहे। इसके साथ ही सरकार को नागरिकों को इसके लाभ और उपयोग के बारे में जानकारी देने की आवश्यकता है। इस प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि लोग आसानी से इसके लाभ ले सकें।