Cheque Rules: चेक बाउंस होने पर तुरंत सुधारें ये गलती, वरना हो सकती है जेल!

चेक बाउंस क्या है?
जब कोई बैंक किसी चेक को अमान्य कर देता है, तो इसे Dishonored Cheque या चेक बाउंस कहा जाता है। भारतीय परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत यह एक दंडनीय अपराध है, जिसमें दोषी को जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है।
किन कारणों से बाउंस होता है चेक?
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बैंक खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना
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गलत सिग्नेचर या सिग्नेचर न मिलना
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चेक पर ओवरराइटिंग या गलत शब्दों का उपयोग
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बैंक खाता बंद हो जाना
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कंपनी की आवश्यक मुहर न लगी होना
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जाली चेक जमा करना
क्या करें अगर चेक बाउंस हो जाए?
अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो बैंक आपको सुधारने का एक मौका देता है। इस दौरान आप वैध चेक देकर भुगतान कर सकते हैं। अगर तय समय में राशि नहीं चुकाई जाती, तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
चेक बाउंस होने पर क्या होगी सजा?
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बैंक द्वारा जुर्माना लगाया जाता है, जो अलग-अलग बैंकों में अलग हो सकता है।
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भुगतान न करने पर 2 साल तक की जेल हो सकती है।
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बैंक खाता फ्रीज किया जा सकता है या कानूनी नोटिस भेजा जा सकता है।
कब दर्ज होगा केस?
चेक बाउंस होने पर तुरंत कानूनी प्रक्रिया शुरू नहीं होती। पहले बैंक नोटिस भेजता है और 15 दिन का समय देता है। अगर इस अवधि में राशि नहीं चुकाई जाती, तो केस दर्ज किया जा सकता है।
समय पर भुगतान करें और इन गलतियों से बचें
चेक से लेनदेन करने से पहले सभी नियमों को ध्यान से समझें और सही तरीके से चेक भरें। अन्यथा, आपको आर्थिक और कानूनी नुकसान उठाना पड़ सकता है।