DA Arrears Update: सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा 18 महीने का बकाया, जानें वित्त मंत्री का जवाब

मौजूदा संसद सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण का वित्त वर्ष 2020–2021 के बाद राजकोषीय प्रभाव पड़ा था, इसलिए महंगाई भत्ता या महंगाई राहत का बकाया देना संभव नहीं है. वैश्विक महामारी। इन भत्तों का कोई 'एरियर' नहीं मिलेगा। कोरोना काल में, केंद्र सरकार ने 18 महीने की DA/DR रोक दी, जिससे 34,402 करोड़ रुपये बच गए।
तीन फरवरी को सांसद आनंद भदौरिया ने लोकसभा में डीए/डीआर की बकाया राशि जारी करने की मांग की। उनका प्रश्न था कि क्या केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को कोविड-19 के दौरान महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को 18 महीने के लिए रोक दिया गया था? इसे प्रकाशित नहीं किया गया था। यदि यह सच है, तो इससे संबंधित विवरण क्या है?
सरकार इसे जारी नहीं करने की क्या वजह है? क्या सरकार इसे अपने कर्मचारियों द्वारा खर्च करना सुनिश्चित करेगी? क्या यह देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा? यदि यह सच है, तो इससे संबंधित विवरण क्या है? यदि ऐसा नहीं है, तो इसके कारण क्या हैं?
केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की देय तीन किस्तों को कोविड-19 के दौरान फ्रीज करने का निर्णय लिया गया था, जैसा कि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया। इसका कारण व्यय था। यह निर्णय उसे ध्यान में रखते हुए लिया गया था। तब इसका उद्देश्य था, सरकारी वित्त को कम करना।
वित्त राज्य मंत्री ने अगले प्रश्न का उत्तर 'नहीं' में दिया। मंत्री ने कहा कि सरकार डीए/डीआर की बकाया राशि देगी। 2020 में वैश्विक महामारी के विपरीत वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों का विश्लेषण करते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने किया।
बता दें कि जेसीएम ने "स्टाफ साइड" से लेकर कई कर्मचारी संगठन, फेडरेशन और एसोसिएशन से डीए/डीआर के बकाया 34,402 करोड़ रुपये लौटाने की मांग की है। ऐसे कई संगठन वित्त मंत्रालय में हैं। संसदीय सत्र में प्रश्न उठाया गया है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई वादा नहीं किया है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को उक्त राशि मिलेगी। सरकार ने इस बारे में भी केंद्रीय बजट में कोई घोषणा नहीं की। केंद्र सरकार ने संसद में कहा कि कई कर्मचारी संघों ने डीए की बकाया राशि देने के लिए आवेदन किया है।
संसद में इस विषय पर पहले भी प्रश्न उठते रहे हैं। तब भी सरकार यह कहती है कि कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक की डीए/डीआर राशि नहीं दी जाएगी। गत वर्ष, वित्त राज्य मंत्री ने सदन को बताया कि केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में बताए गए स्तर से दोगुने से अधिक है। डीए/डीआर का एरियर देना इसलिए संभव नहीं है।
नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया कि कैबिनेट सचिव को 'स्टाफ साइड' की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) द्वारा 18 माह के डीए/डीआर भुगतान के लिए कई बार पत्र भेजा गया था।