DA Update: महंगाई भत्ता हुआ जीरो, जानें कर्मचारियों की सैलरी पर कितना असर पड़ेगा!
डीए को किया जाएगा बेसिक सैलरी में मर्ज DA Update
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर डीए (Dearness Allowance) को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा और इसे फिर से शून्य से शुरू किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में करीब डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक रूप से फायदा होगा, लेकिन कुछ अन्य भत्तों पर प्रभाव पड़ सकता है।
डीए 0 होने से अन्य भत्तों पर असर DA Update
अगर 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर डीए को मर्ज किया जाता है, तो कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय होगी। इसके बाद नए सिरे से डीए की गणना शुरू होगी। जब नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, तब डीए को शून्य कर दिया जाएगा। इसके बाद जुलाई 2026 से डीए में वृद्धि शुरू होगी। ध्यान देने योग्य बात यह है कि डीए के शून्य होने से अन्य भत्तों पर भी असर पड़ेगा।
डीए कैसे तय किया जाता है? DA Update
सरकार हर छह महीने में डीए में संशोधन करती है। पहली वृद्धि 1 जनवरी से 30 जून तक होती है और दूसरी वृद्धि 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक होती है। डीए की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर की जाती है। महंगाई के अनुरूप डीए की दर तय की जाती है।
डीए मर्ज होने के बाद सैलरी में वृद्धि DA Update
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा, जिससे कुल वेतन में वृद्धि होगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और उसे 50 प्रतिशत डीए मिल रहा है, तो उसका डीए 9,000 रुपये होगा। 8वें वेतन आयोग में इसे मूल वेतन में जोड़ने पर उसकी कुल सैलरी 27,000 रुपये हो जाएगी।
महंगाई भत्ता शून्य करने का कारण DA Update
जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो पिछले डीए को मूल वेतन में मर्ज कर दिया जाता है। ऐसा 2016 में 7वें वेतन आयोग और 2006 में 6वें वेतन आयोग के दौरान भी किया गया था। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शत-प्रतिशत डीए को बेसिक सैलरी में जोड़ा जाना चाहिए, लेकिन वित्तीय स्थिति के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता।
2006 में 6वें वेतन आयोग लागू होने पर 5वें वेतन आयोग का 187 प्रतिशत डीए मूल वेतन में मर्ज किया गया था। उस समय फिटमेंट फैक्टर 1.87 था, जबकि 7वें वेतन आयोग में इसे 2.57 किया गया। 6वें वेतन आयोग में नया वेतन बैंड और ग्रेड पे भी बनाया गया था, जिसे लागू करने में सरकार को तीन साल लगे थे।
विशेषज्ञों की राय DA Update
विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद इसकी सिफारिशों को सरकार को सौंपा जाएगा। इसके लागू होने के बाद डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि 1 जनवरी 2026 तक डीए 60 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इसके बाद इसे शून्य कर दिया जाएगा और नई गणना शुरू होगी।
एआईसीपीआई के आंकड़ों पर निर्भर करेगा फैसला DA Update
2026 में डीए वृद्धि एआईसीपीआई (AICPI) के आंकड़ों पर निर्भर करेगी। यदि डीए 50 प्रतिशत से अधिक होता है, तो सरकार इसे मूल वेतन में मर्ज कर सकती है। यह निर्णय केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि वह पूरे डीए को मर्ज करे या केवल 50 प्रतिशत से अधिक डीए को शामिल करे। इस संबंध में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा।