EPF, PPF और NPS में क्या है अंतर? जानें किस स्कीम में मिलेगा ज्यादा रिटर्न

EPF (Employees' Provident Fund)
EPF भारत सरकार द्वारा अनिवार्य सेविंग्स स्कीम है, जो खासतौर पर सैलरीड कर्मचारियों के लिए बनाई गई है। इसे EPFO (Employees' Provident Fund Organization) मैनेज करता है।
मुख्य बातें:
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कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों की सैलरी का 12% हिस्सा जमा होता है।
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इस पर सरकार हर साल ब्याज निर्धारित करती है।
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58 साल की उम्र के बाद पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
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शादी, शिक्षा, घर खरीदने या मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आंशिक निकासी की सुविधा।
PPF (Public Provident Fund)
PPF भारत सरकार द्वारा संचालित एक सेविंग स्कीम है, जिसमें आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।
मुख्य बातें:
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न्यूनतम इन्वेस्टमेंट ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख प्रति वर्ष।
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15 साल का लॉक-इन पीरियड, जिसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
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6 साल बाद 50% निकासी की सुविधा।
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टैक्स बेनिफिट्स के साथ गारंटीड रिटर्न।
NPS (National Pension System)
NPS लॉन्ग-टर्म रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जिसमें आप अपनी पसंद के अनुसार इन्वेस्टमेंट ऑप्शन चुन सकते हैं।
मुख्य बातें:
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60 साल की उम्र के बाद एकमुश्त 60% निकासी की सुविधा।
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40% राशि से अनिवार्य रूप से एन्युइटी खरीदनी होती है, जिससे आपको पेंशन मिलती रहेगी।
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सेक्शन 80C और 80CCD के तहत टैक्स छूट।
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टियर-I और टियर-II अकाउंट के विकल्प उपलब्ध।
कौन-सी स्कीम आपके लिए सही?
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अगर आप सैलरीड कर्मचारी हैं, तो EPF आपके लिए बेहतर है।
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अगर आप सुरक्षित और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट चाहते हैं, तो PPF बेस्ट ऑप्शन है।
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अगर आप ज्यादा रिटर्न और पेंशन सिक्योरिटी चाहते हैं, तो NPS आपके लिए अच्छा रहेगा।
हर स्कीम के अपने फायदे हैं, इसलिए आपको अपनी जरूरत और लक्ष्य के अनुसार सही विकल्प चुनना चाहिए।