employees gratuity: ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारियों को कितने साल काम करना जरूरी?

ग्रेच्यु्टी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवार्ड होता है। ग्रेच्युटी पाने को एम्पलॉई को कुछ शर्तें पूरी करनी (Gratuity Rules)होती है। ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी के वेतन से कटता है, लेकिन बड़ा भाग कंपनी देती है।
नौकरी बदलने, सेवानिवृत होने या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देने पर भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी का फायदा (benefit of gratuity)मिल सकता है बशर्ते वो शर्तों को पूरा करता हो।
बहुत से लोगों का मानना है कि कंपनियां ग्रेच्युटी (gratuity) देती हैं तभी जब एक व्यक्ति एक ही स्थान पर पांच साल से अधिक समय तक काम करता है। वास्तव में, ऐसा नहीं है। कानून के अनुसार, एक ही कंपनी में लगातार पांच साल काम करना ग्रेच्युटी पाने के लिए आवश्यक नहीं है। यदि कर्मचारी ने एक ही संस्था में चार वर्ष और दो सौ चौबीस दिन लगातार काम किया है, तो वह ग्रेच्युटी के हकदार होगा। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युएटी एक्ट, 1972 के तहत हर कंपनी में 10 से अधिक लोग काम करते हैं।
मौत होने पर नहीं रहती समय की लिमिट (Payment of Gratuity Act)
जब किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है, तो उसकी ग्रेच्युटी की गणना करने के लिए कोई अवधि की सीमा नहीं होती। इसका अर्थ है कि ऐसे कर्मचारी को सेवाकाल में कितना ही दिन काम किया गया हो, ग्रेच्यु टी का पूरा हकदार माना जाएगा। कोयला या अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट में 4 वर्ष 190 दिन काम करने पर ही 5 वर्ष का कार्यकाल मान लिया जाता है। भूमि से नीचे काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों को 4 साल 190 दिन में ही ग्रेच्युटी मिलेगी।
कैसे होती है ग्रेच्युटी की गणना? (calculation of gratuity)
ग्रेच्युटी की गणना करने का फार्मूला (formula to calculate gratuity) है। कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)। मान लीजिए कि किसी कर्मचारी ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया। उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 50000 रुपये है। यहां महीने में 26 दिन ही गिने जाते हैं क्योंंकि यह माना जाता है कि जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है।
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (50000) x (15/26) x (20)= 576,923 रुपये।