8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर में बड़ा उछाल संभव, DA की बढ़ोतरी से सरकार ले सकती है फैसला

Fitment Factor लागू कैसे होता है?
अब बात करते हैं कि ये Fitment Factor होता क्या है. दरअसल, ये एक तरह का मल्टीप्लायर होता है, जिसके जरिए पुरानीbasicसैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है. ये फैक्टर यानी DA और मौजूदा आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है. इसका मकसद होता है कि सभी कर्मचारियों को एक समान और न्यायसंगत बढ़ोतरी मिले.
पिछले कुछ वेतन commission ों की बात करें तो यही ट्रेंड देखने को मिला है कि सैलरी बढ़ाने से पहले यानी DA कोbasicसैलरी में मर्ज कर लिया जाता है और उसके बाद उस कुल योग पर Fitment Factor लागू किया जाता है.
उदाहरण से समझिए
उदाहरण के लिए, जब 7वां वेतन commission 2016 में लागू हुआ था, उस समय कर्मचारियों को 125 फीसदी DA मिल रहा था. commission ने 2.57 का Fitment Factor सुझाया था. यानी अगर किसी कर्मचारी कीbasicसैलरी 10,000 थी, तो 125 फीसदी DA यानी 12,500 जोड़कर कुल बनता है 22,500. इस पर 14.22 फीसदी की वास्तविक बढ़ोतरी जोड़कर नई सैलरी 25,700 तय की गई. यानि Fitment Factor = 25,700 / 10,000 = 2.57 हुआ.
पिछले वेतन commission ों में भी ऐसा ही पैटर्न देखने को मिला. 5th वेतन commission (1996) के समय DA करीब 74 फीसदी था और Fitment Factor 1.86 रखा गया. 6ठे वेतन commission (2006) में DA करीब 115 फीसदी था और फिटमेंट बेनिफिट 1.86x रखा गया, जिसमें ग्रेड पे का कॉन्सेप्ट भी शामिल किया गया. वहीं 7th वेतन commission (2016) में DA 125 फीसदी था और Fitment Factor 2.57 तय किया गया.
8th वेतन commission से उम्मीद
कुल मिलाकर, 8वां वेतन commission करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आ रहा है. अगर सरकार पिछली परंपराओं को दोहराती है और DA कोbasicमें मर्ज कर उचित Fitment Factor लागू करती है, तो यह वेतन में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकता है. अब देखना ये है कि सरकार कर्मचारियों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.