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Eunice Newton Foote को गूगल ने किया याद, जिन्होने दी थी Green House Effect के बारे में जानकारी

Google Doodle:17 जुलाई 1819 को इंग्लैंड में जन्मी यूनीसी न्यूटन फोट ने इसकी जानकारी दी थी, परंतु लगभग 100 साल तक उनकी महत्वपूर्ण खोज को कोई तवज्जो नहीं मिली।
 
Eunice Newton Foote

Eunice Newton Foote:पृथ्वी को ग्रीन हाउस प्रभाव से बहुत खतरा है। 17 जुलाई 1819 को इंग्लैंड में जन्मी यूनीसी न्यूटन फोट ने इसकी जानकारी दी थी, परंतु लगभग 100 साल तक उनकी महत्वपूर्ण खोज को कोई तवज्जो नहीं मिली। लेकिन धीरे-धीरे उनके कार्य की तारीफ हुई। Search Engine Google द्वारा आज के दिन उनकी 204वीं जयंती पर एक विशिष्ट डूडल बनाकर उन्हें याद किया गया है।

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17 जुलाई को, सर्च इंजन गूगल ने 'Eunice Newton Foote' की 204वीं जयंती पर एक विशिष्ट डूडल शेयर किया है। Eunice Newton ने 'ग्रीन हाउस असर' की खोज की। पृथ्वी के लिए उनका यह योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। स्लाइड शो में गूगल ने यूनीसी न्यूटन की 204वीं जयंती पर उनके बारे में बताया है।

क्या ग्रीन हाउस इफेक्ट है? 

हम बचपन से ग्रीन हाउस इफेक्ट को पढ़ते व सुनते आ रहे हैं। इसका अर्थ है कि मीथेन, जलवाष्प, कार्बन-डाइऑक्साइड और अन्य कुछ गैसें धरती पर बुरा प्रभाव डालते हैं, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। जब सूर्य की गर्मी पृथ्वी की सतह पर बनी रहती है, तो ग्रीनहाउस इफेक्ट होता है। गैसों की वजह से यह गर्मी बाहर नहीं जा सकती। इसलिए हमारी धरती गर्म रहती है, जो इंसानों को खतरा है। 'Eunice Newton' को  इस खतरे को भांपने का श्रेय जाता है यह वह महिला है जिनके द्वारा ग्रीन हाउस प्रभाव की खोज की।


100 साल तक भी रिसर्च को तव्वजो नही मिली थी
Foote आज 1819 में न्यू इंग्लैंड के कनेक्टिकट में पैदा हुआ था। Eunice Newton Foote, एक वैज्ञानिक  द्वारा तापमान व गैसों के गर्म होने पर अध्ययन किया गया था । उन्हें पता चला कि बाहर की हवा में काबर्न डाईऑक्साइड और ऑक्सीजन की मात्रा बहुत अधिक है, जिससे हीट बनता है और इसे ठंडा होने में बहुत अधिक समय लगता है। परीक्षण में उन्होंने बताया कि कुछ रेडिएशन वापस चली जाती है और कुछ धरती पर रह जाती है जब धरती द्वारा सूर्य की गर्मी को अवशोषित करती है। 


सूरज द्वारा काबर्न डाईऑक्साइड को धरती की ओर धकेला जाता है, जिससे अधिकांश यहीं रह जाते हैं। यह प्रक्रिया ग्रीन हाउस इफेक्ट कहलाती है। हमारी धरती का तापमान हर दिन ग्रीनहाउस इफेक्ट की बढोतरी पर  बढ़ता जा रहा है. यह दिलचस्प है कि लगभग सौ वर्षों तक किसी ने इस महत्वपूर्ण अध्ययन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया, लेकिन आज हर कोई ग्रीनहाउस इफेक्ट को जानता है। यह अध्ययन बताता है कि फुटे पहली थीं जिन्होंने वातावरण में बदलाव को भांपा व सोचा था।

आज हर देश में साइंटिस्ट वातावरण को बेहतर बनाने की कोशिश करते रहते हैं। पृथ्वी को बचाने के लिए हमें भी सतर्क रहना चाहिए। हमेशा अपने आसपास पेड़ लगाने का प्रयास करें। थोड़ी मेहनत से आप इसे दूर कर सकते हैं। 

 


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