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Haryana: Highcourt ने दिया रियल एस्टेट कारोबारियों को बड़ा झटका!

Haryana Real Estate Businessman : हरियाणा से बड़ी खबर आ रही है। हरियाणा में हाईकोर्ट ने रियल एस्टेट कारोबारियों को बड़ा झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक यह फैसला हरियाणा में घर खरीदारों के हक में लिया गया है।
 
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Haryana Real Estate Businessman, Haryana Update : हरियाणा से बड़ी खबर आ रही है। हरियाणा में हाईकोर्ट ने रियल एस्टेट कारोबारियों को बड़ा झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक यह फैसला हरियाणा में घर खरीदारों के हक में लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस फैसले में स्पष्ट किया है कि जिन घर खरीदारों ने किसी प्रोजेक्ट में पैसा जमा कराया है और वे संभावित आवंटी हैं, वे सभी रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 

जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी मेसर्स रामप्रस्थ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि जिन घर खरीदारों ने सिर्फ संभावित प्रोजेक्ट के लिए पैसा जमा कराया है और जिनका प्रोजेक्ट अभी अस्तित्व में नहीं है, वे रेरा में शिकायत दर्ज नहीं करा सकते। 

मिली जानकारी के मुताबिक जस्टिस सुरेश ठाकुर और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने इस दलील को बेतुका करार देते हुए कहा कि जब रेरा एक्ट के तहत आवंटी की परिभाषा में संभावित और भविष्य की परियोजनाओं के आवंटी भी शामिल हैं तो उन्हें भी रेरा में शिकायत दर्ज कराने का पूरा अधिकार है। जानकारी के अनुसार रियल एस्टेट कंपनी मेसर्स रामप्रस्थ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड व अन्य ने गुरुग्राम स्थित हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) के एक आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

शिकायत करने का अधिकार-
जानकारी के अनुसार, उन्होंने तर्क दिया कि हरेरा को मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है। शिकायतकर्ता आवंटी की श्रेणी में नहीं आते, इसलिए उन्हें शिकायत दर्ज कराने का अधिकार नहीं है। तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ताओं के पास रेरा अधिनियम की धारा 43 (5) के तहत अपील का विकल्प है, इसलिए उनकी याचिका स्वीकार्य नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट ने माना कि रेरा की धारा 31 व 37 के तहत किसी भी पीड़ित व्यक्ति को प्राधिकरण में शिकायत करने का अधिकार है। धारा 31 किसी भी पीड़ित व्यक्ति को प्रमोटर, आवंटी या रियल एस्टेट एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का अधिकार देती है।

याचिका खारिज-
जानकारी के अनुसार धारा-37 रेरा को आवश्यकतानुसार आदेश जारी करने और इसे बाध्यकारी बनाने का अधिकार देती है। हरियाणा समाचार कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मौजूदा और संभावित दोनों आवंटियों को रेरा के तहत अपनी शिकायत दर्ज कराने का पूरा अधिकार है। मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने डेवलपर की याचिका खारिज करते हुए कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं के पास अपील का विकल्प है, इसलिए उनकी याचिका स्वीकार्य नहीं है। इससे घर खरीदारों को राहत मिली है।

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