बदल गए हैं जमीन रजिस्ट्री के ये 4 नियम, अब रजिस्ट्री होगी इस तरह, जानें पूरी जानकारी
अब जमीन रजिस्ट्री के लिए कुछ नए और अहम नियम लागू किए गए हैं। इन बदलावों के तहत, जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को और आसान और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य है। इसमें दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता, रजिस्ट्री फीस, और ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलाव शामिल हैं। जानिए, ये नए नियम क्या हैं और कैसे आपको जमीन रजिस्ट्री के दौरान इनका पालन करना होगा।
Haryana update : भारत में जमीन और प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का महत्व तब और बढ़ जाता है जब किसी संपत्ति के स्वामित्व, अधिकार, और कानूनी स्थिति की पुष्टि करने की आवश्यकता होती है। रजिस्ट्री प्रक्रिया का उद्देश्य न केवल भूमि के स्वामित्व को प्रमाणित करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि संपत्ति की खरीदारी और बिक्री पारदर्शी, सुरक्षित और कानूनी तरीके से की जाए। 2025 से लागू होने वाले नए नियमों का मुख्य उद्देश्य इस प्रक्रिया को और भी पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल बनाना है। यह लेख आपको इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी देगा, साथ ही यह भी बताएगा कि इन बदलावों से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में किस तरह के सुधार होंगे और आम नागरिकों पर इनका क्या प्रभाव पड़ेगा।
जमीन रजिस्ट्री 2025 के 4 नए नियम:
1. डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया में अब डिजिटल तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाएगा। इस नए बदलाव के तहत:
- अब सभी दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में सबमिट किए जाएंगे, जिससे कागजी कार्यवाही में कमी आएगी।
- रजिस्ट्रार के दफ्तर जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी; इसके बजाय, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से घर बैठे रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।
- डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाएगा और रजिस्ट्री के बाद तुरंत एक डिजिटल सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।
- यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार को कम करने और मानवीय गलतियों के अवसरों को समाप्त करने में मददगार होगी।
2. आधार कार्ड से लिंकिंग:
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एक और महत्वपूर्ण बदलाव है प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को आधार कार्ड से जोड़ने का। इसके तहत:
- प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने वाले व्यक्तियों को अब अपना आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य होगा।
- आधार कार्ड के माध्यम से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति वही है, जो वह दावा कर रहा है।
- यह कदम फर्जी रजिस्ट्री, बेनामी संपत्ति, और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने में सहायक होगा।
- आधार लिंकिंग से प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी।
3. वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य:
रजिस्ट्री प्रक्रिया में अब वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोनों पक्ष (खरीदार और विक्रेता) स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के रजिस्ट्री कर रहे हैं। इस नियम के तहत:
- रजिस्ट्री के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जिसमें खरीदार और विक्रेता के बयानों का विवरण होगा।
- वीडियो रिकॉर्डिंग को सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखा जाएगा और यह भविष्य में किसी भी विवाद में निर्णायक सबूत के रूप में काम कर सकेगा।
- यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाएगा, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के विवादों को कम किया जा सकेगा।
4. ऑनलाइन फीस भुगतान:
रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया और भी सरल, पारदर्शी और तेज हो जाएगी। इसके तहत:
- डिजिटल पेमेंट गेटवे का उपयोग किया जाएगा, जिससे शुल्क भुगतान का समय घटेगा।
- क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, और UPI जैसे कई ऑनलाइन पेमेंट विकल्प उपलब्ध होंगे।
- भुगतान की तुरंत पुष्टि मिलेगी और नकद लेन-देन को समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार और काले धन का प्रयोग रोकने में मदद मिलेगी।
जमीन रजिस्ट्री 2025 के नए नियमों से क्या बदलाव होंगे?
1. रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार:
- समय की बचत: डिजिटल प्रक्रिया से रजिस्ट्री का समय घटकर कुछ घंटों का हो जाएगा, जिससे लंबी प्रतीक्षा की समस्या खत्म हो जाएगी।
- कागजी कार्यवाही में कमी: अब सभी दस्तावेज़ डिजिटल होंगे, जिससे कागज की बचत होगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- 24×7 सुविधा: अब रजिस्ट्री के लिए कार्यालय समय की कोई बाध्यता नहीं होगी, जिससे लोग अपनी सुविधानुसार कभी भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
- गलतियों में कमी: कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया से मानवीय गलतियां कम हो जाएंगी और रजिस्ट्री प्रक्रिया में और सुधार आएगा।
2. सुरक्षा में वृद्धि:
- फर्जी रजिस्ट्री पर रोक: आधार लिंकिंग से फर्जी रजिस्ट्री की संभावना समाप्त हो जाएगी।
- बेनामी संपत्ति पर अंकुश: अब प्रॉपर्टी का मालिक आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे बेनामी संपत्तियों की समस्या कम होगी।
- विवादों में कमी: वीडियो रिकॉर्डिंग से रजिस्ट्री के समय हुए सभी घटनाक्रम का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा, जो भविष्य में होने वाले विवादों को कम करेगा।
- डेटा सुरक्षा: सभी जानकारी अब सुरक्षित सरकारी सर्वर पर रखी जाएगी, जिससे डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
3. पारदर्शिता में बढ़ोतरी:
- ऑनलाइन रिकॉर्ड: अब किसी भी प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड आसानी से ऑनलाइन देखा जा सकेगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
- फीस की जानकारी: रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी की जानकारी अब ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे कोई भी शुल्क छिपा नहीं रह सकेगा।
- प्रक्रिया की जानकारी: पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे लोगों को हर कदम की जानकारी होगी।
4. उपभोक्ता सुविधा:
- घर बैठे सेवा: अब रजिस्ट्रार के दफ्तर जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी; घर बैठे ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
- कम खर्च: यात्रा और अन्य खर्चों में कमी आएगी, जिससे आम नागरिकों को वित्तीय राहत मिलेगी।
- तेज प्रक्रिया: रजिस्ट्री के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे समय की बचत होगी।
- आसान भुगतान: अब विभिन्न डिजिटल भुगतान विकल्पों के माध्यम से फीस का भुगतान करना और भी आसान हो जाएगा।