मकान मालिक नहीं करेगा मनमानी, किराएदार जान लें अपने अधिकार
Haryana Update : आसमान छूते Property के दामों के चलते घर खरीदने अब आसान नहीं रह गया है. रोजी-रोटी की तलाश में महानगरों में आगे अधिकांश लोग Rent पर रहकर ही अपनी जीवन बसर करते हैं. लोगों की इसी बेबसी के चलते किरायेदारी भी एक बड़ा उद्योगक बन गया है. खासकर महानगरों में तो ऐसे हजारों-लाखों लोग मिल जाएंगे जिनकी कमाई का माध्यम ही किरायेदार हैं. किरायेदारी ही उनका कारोबार है. अपनी Property को Rent पर चढ़ाकार लोग लाखों रुपये Monthly कमा रहे हैं. लेकिन किरायेदारों के बल पर रोटी खाने वाले Lanlord हमेशा किरायेदारों को ओच्छी निगाहों से देखते हैं और किसी ना किसी तरह से उनका शोषण करने में लगे रहे हैं.
दिल्ली में किरायेदारों की स्थिति की बात करें तो यहां दिल्ली Govt ने 200 यूनिट तक मुफ्त Bijli की योजना चलाई हुई है. Govt पानी भी मुफ्त दे रही है, लेकिन किरायेदारों को 10 रुपये प्रति युनिट के हिसाब से Bijli का बिल भरना होता है. अगर कोई इसका विरोध करे तो तुरंत मकान खाली करने का फरमान जारी हो जाता है. अब आए दिन सामान लेकर कहां-कहां भटका जाए, इससे बचने के लिए मजबूरीवश बेचारा किरायेदार Lanlord के हाथों शोषण का शिकार होता रहता है. ज्यादातर Lanlord तो Rent की कोई रसीद वगैरह भी नहीं देते हैं.
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हर बार किरायेदार ही Lanlord के हाथों शोषण का शिकार बने. कई बार तो किरायेदार भी Lanlord पर भारी पड़ते हैं. स्थिति ऐसी हो जाती है कि Lanlord को किरायेदार के सामने डर-डर कर रहना पड़ता है. आए दिन ऐसे Caese भी सामने आते रहते हैं जहां किरायेदार ने Lanlord की Property पर Kabza कर लिया हो. कुछ वर्ग तो ऐसे हैं जिन्हें Lanlord अपनी Property Rent पर देने से बिल्कुल साफ मना कर देते हैं. इनमें वकील और पुलिसकर्मी तो हैं ही साथ ही कुछ स्थानों पर पत्रकारों को भी लोग अपने मकान Rent पर नहीं देते हैं.
किरायेदारों के भी होते हैं Rights
बेबस किरायेदार अपना शोषण करवाने के लिए मजबूर ही हैं. ऐसे में Govt उनका सबसे बड़ा संबल बनकर सामने आती है. Govt के किरायेदारों के हक में ऐसे पुख्ता Law बनाए हुए हैं जिनकी मदद से वह अपने Rights के लिए लड़ सकता है.
Property मालिक के Rights
मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मुताबिक, अगर किरायेदार तय समय पर मकान खाली नहीं करता है तो किराया पहले दोगुना और फिर चार गुना हो सकता है. Rent के मकान का रखरखाव किरायेदार को ही कराना होगा. रख-रखाव नहीं कराने पर Lanlord रख-रखाव का काम करेगा और रख-रखाव पर हुए खर्चे की राशि को किरायेदार का जो पैसा जमानत राशि के रूप में जमा करवाया हुआ है, उसमें काट सकता है.
नहीं काट सकेगा बिजली-पानी कनेक्शन
कई बार ऐसा देखने में आया है कि कोई विवाद होने पर Lanlord किरायेदार के बिजली-पानी के कनेक्शन काट देता है. कानूनन यह बिल्कुल गलत है. किसी भी विवाद की स्थिति में Lanlord किरायेदार को दी जा रही बिजली-पानी की आपूर्ति को रद्द नहीं कर सकता है.
रेनोवेशन के बाद Rent में इजाफा
कानून कहता है कि Rent पर चढ़ी Property की देखभाल के लिए किरायेदार और मकानमालिक, दोनों ही जिम्मेदार होंगे. अगर Property का स्वामी Property में कुछ सुधार कराता है तो वह रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद किराया बढ़ाने की पेशकश कर सकता है. लेकिन किराया बढ़ाने के लिए उसे किरायेदार से विचार-विमर्श करना होगा.
क्या हैं किरायेदारों के Rights
आदर्श किराएदारी अधिनियम के मुताबिक, किरायेदारों को सिक्योरिटी मनी यानी जमानत राशि दो महीने के Rent से ज्यादा नहीं देनी चाहिए. किरायेदार के मकान छोड़ने के एक महीने के अंदर Lanlord को सिक्योरिटी मनी वापस देनी होगी. Lanlord द्वारा किराया बढ़ाने के लिए कम से कम तीन महीने पहले किरायेदार को नोटिस देगा. इस नोटिस के दौरान अगर दोनों पक्षों में आपसी संबंधों के आधार पर सहमति हो जाती है तो हो सकता है किराया न भी बढ़े.
बिना जानकारी के Lanlord की एंट्री नहीं
ऐसा नहीं है कि Property Lanlord है तो जब चाहे किरायेदार के मकान में धमक जाए. अगर Lanlord को अपनी Rent की Property का मुआयना करना है तो उसे अपने आने से 24 घंटे पहले किरायेदार को सूचित करना होगा.
मकान की रिपेयरिंग जिम्मेदारी
Rent की Property की देखभाल Property स्वामी और किरायेदार, दोनों को मिलकर करनी होती है. पानी के कनेक्शन को ठीक करवाना, Bijli कनेक्शन की मरम्मत, खिड़की-दरवाजों के शीशे बदलवाने, गार्डन या खुली जगहों के मेंटेनेंस, Property को जानबूझकर होने वाले नुकसान से बचाने आदि की जिम्मेदारी किरायेदार की ही होगी. पुताई-रंगरोगन आदि की जिम्मेदारी Lanlord की होगी.