हँसते हँसते चढ़ गए फाँसी, ऋणी रहेंगे सारे देशवासी
Shidi Diwas 2024: मार्च में देश और दुनिया के इतिहास में और भी कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं ये तारीख पाकिस्तान के लिए भी बेहद खास है. 23 मार्च, 1956 को पाकिस्तान को इस्लामिक गणराज्य के रूप में मान्यता दी गई।
Haryana Update: साल के तीसरे महीने मार्च का यह 23वां दिन इतिहास में कई घटनाओं के साथ-साथ उन स्वतंत्रता सेनानियों के नाम भी दर्ज है, जिन्होंने हंसते-हंसते देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बसंत देवी का जन्म 23 मार्च को हुआ था।
1910 में स्वतंत्रता संग्राम के नायक, प्रमुख समाजवादी चिंतक एवं राजनीतिज्ञ डाॅ. राम मनोहर लोहिया का जन्मदिन.
23 मार्च 1931 को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के महान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी।
1940 में मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
1956 में पाकिस्तान दुनिया का पहला इस्लामी गणतंत्र बना।
1965: नासा ने अंतरिक्ष यान जेमिनी से पहली बार दो लोगों को अंतरिक्ष में भेजा
1986: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की पहली महिला कंपनी का गठन दुर्गापुर शिविर में किया गया।
1987: प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का जन्मदिन।
1996: ताइवान में पहला प्रत्यक्ष राष्ट्रपति चुनाव हुआ। ली तेंग हुई राष्ट्रपति चुने गए।
असेंबली बम विस्फोट के बाद उन्हें भगत सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ही राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई। फाँसी 24 मार्च 1931 को तय की गई थी, लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले ही तीनों को फाँसी दे दी।
ऐसा इसलिए था क्योंकि जब जेल में फाँसी की तैयारी की जा रही थी, तो उसके पक्ष में भारी भीड़ जमा हो रही थी और अंग्रेज इससे डर रहे थे। फिर उन्होंने एक दिन पहले तीनों को मार डाला और जेल के पीछे दफना दिया।
23 मार्च 1931 को शाम 7.33 बजे राजगुरु को भगत सिंह और सुखदेव के साथ फाँसी दे दी गई। तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर सेंट्रल जेल, जो आज पाकिस्तान है, में फाँसी दी गई।
आज भी हर 23 मार्च को यहां कार्यक्रम होता है और अलग-अलग समुदाय के लोग आते हैं. हर साल 23 मार्च को पाकिस्तान के लोग यहां उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इस जगह को अब शादमान चौक कहा जाता है और अब इसका नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की मांग की जा रही है।