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Loan अप्रूवल के लिए सिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन तीन फैक्टर्स पर भी होती है निगरानी

Bank Loan:आज के दौर में बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए Loan लेना एक आम बात हो गई है। लेकिन जब भी आप लोन के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक केवल CIBIL Score को ही आधार नहीं मानता, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण फ़ैक्टर्स पर भी ध्यान देता है।
 
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Loan Approvel: अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ अच्छा CIBIL स्कोर होने से लोन मिल जाएगा, तो यह पूरी तरह सही नहीं है। बैंक आपके वित्तीय स्वास्थ्य को आंकने के लिए कुछ अतिरिक्त फैक्टर्स को भी परखता है। आइए जानते हैं वो कौन-कौन से कारण हैं जो लोन अप्रूवल के लिए जरूरी हैं।

Debt to Income (DTI) Ratio: आपकी आय बनाम देनदारियां
लोन अप्रूव करने से पहले बैंक आपके Debt to Income (DTI) Ratio की जांच करता है। यह रेश्यो यह दर्शाता है कि आपकी कुल मासिक आय के मुकाबले आपकी वित्तीय देनदारियां कितनी हैं।

यदि आपके ऊपर पहले से ही कई लोन हैं तो बैंक को यह शक हो सकता है कि आप नए लोन की किस्तें आसानी से चुका पाएंगे या नहीं। आमतौर पर 40% या उससे कम DTI को सुरक्षित माना जाता है। अगर आपका DTI 60% से अधिक है तो बैंक को लग सकता है कि आपकी वित्तीय स्थिति अधिक कर्ज लेने के लिए सही नहीं है, जिससे लोन अप्रूवल में दिक्कत आ सकती है।

EMI/NMI Ratio: आपकी इनकम और EMI के बीच संतुलन
बैंक यह भी परखता है कि आपकी कुल मासिक आय का कितना हिस्सा ईएमआई (EMI) चुकाने में जा रहा है। इसे EMI/NMI (Equated Monthly Installment to Net Monthly Income) Ratio कहते हैं।

अगर आपकी EMI/NMI Ratio 50-55% तक है तो बैंक इसे सुरक्षित मानता है। लेकिन अगर यह 55% से अधिक हो जाता है, तो बैंक को आशंका हो सकती है कि आप अपने बाकी खर्चों को कैसे मैनेज करेंगे। अगर आपका EMI/NMI रेश्यो बहुत अधिक है तो बैंक या तो लोन की राशि कम कर सकता है या फिर ब्याज दर बढ़ा सकता है।

अगर आप लोन लेना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी EMI/NMI रेश्यो संतुलित हो। मौजूदा कर्ज का भुगतान करने और मासिक खर्चों को नियंत्रित करने से इस अनुपात को बेहतर किया जा सकता है।

Loan-to-Value (LTV) Ratio: लोन की राशि बनाम संपत्ति का मूल्य
यदि आप होम लोन या वाहन लोन जैसे सिक्योर्ड लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं तो बैंक Loan-to-Value (LTV) Ratio की गणना करता है।

यह रेश्यो दर्शाता है कि आपकी संपत्ति (जैसे घर, गाड़ी या कोई अन्य परिसंपत्ति) की कुल कीमत के मुकाबले बैंक आपको कितनी लोन राशि देने के लिए तैयार है। सामान्य तौर पर बैंक संपत्ति के कुल मूल्य का 75-90% तक लोन देते हैं।

अगर LTV बहुत अधिक है तो बैंक को यह डर हो सकता है कि अगर आप लोन नहीं चुका पाते तो पूरी राशि की रिकवरी करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बैंक अधिक ब्याज दर लगा सकता है या फिर ज्यादा डाउन पेमेंट की मांग कर सकता है।

अगर आप लोन लेना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप जितना हो सके उतना डाउन पेमेंट पहले कर दें, ताकि आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सके और अप्रूवल की संभावना भी बढ़ जाए।

CIBIL स्कोर लोन अप्रूवल के लिए कितना जरूरी है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या (300 से 900 के बीच) होती है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान की विश्वसनीयता को दर्शाती है।

यदि आपका CIBIL स्कोर 750 या उससे अधिक है तो बैंक को यह विश्वास होता है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता हैं और समय पर लोन चुका सकते हैं। इससे आपको न केवल आसानी से लोन मिल सकता है, बल्कि कम ब्याज दर पर लोन लेने का अवसर भी बढ़ जाता है।

हालांकि, यदि आपका CIBIL स्कोर कम होता है, तो बैंक आपको लोन देने में हिचकिचा सकता है या फिर अधिक ब्याज दर लागू कर सकता है। इसलिए, अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो पहले अपने CIBIL स्कोर को सुधारने के लिए क्रेडिट कार्ड बिल और अन्य लोन समय पर चुकाने की आदत डालें।

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