logo

OPS Scheme : पुरानी पेंशन योजना को लेकर 19 साल बाद आई नई अपडेट

OPS Scheme : पुरानी पेंशन योजना को लेकर 19 साल बाद बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने इस स्कीम पर नया फैसला लिया है जिससे लाखों कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। किस राज्य में लागू होगी योजना और किसे मिलेगा लाभ, इसकी पूरी जानकारी आपको यहां मिलेगी, नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।

 
OPS Scheme : पुरानी पेंशन योजना को लेकर 19 साल बाद आई नई अपडेट 
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update, UP OPS Scheme :  1 अप्रैल 2004 से, केंद्रीय सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को समाप्त कर दिया था, और राज्यों ने भी केंद्रीय सरकार की तरह नई पेंशन प्रणाली लागू की।  नई पेंशन को कर्मचारी संगठन विरोध करते रहे हैं।


2009 तक केंद्र सरकार ने कुछ शर्तों पर कर्मचारियों को विकल्प दिया था, लेकिन यह सभी कर्मचारियों के लिए खुला होना चाहिए। देश और राज्यों के कर्मचारियों को नई या पुरानी पेंशन योजना में से किसी एक में से किसी एक में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए, जिस तरह से सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में शामिल होने का अवसर दिया है।

केंद्रीय सरकार की समिति के विचार


26 अगस्त को, जेएन तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी पुरानी पेंशन पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशनों की बहाली के लिए एक समिति बनाई है। समिति की रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि केंद्र सरकार की समिति भी पुरानी पेंशन योजना को समर्थन देती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था में जबरिया नहीं रखा जा सकता।

 

8th Pay Commission : अप्रैल के पहले हफ्ते में जरूर देख लें New DA Chart

UP OPS Scheme : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल आईडी पर एक ज्ञापन भेजेते हुए पुरानी पेंशन के विकल्पों को खोलने की मांग की है। 12 मार्च 2022, 8 अप्रैल 2023, 24 अप्रैल 2023 और 11 जुलाई 2023 को उन्होंने प्रधानमंत्री से पत्र लिखकर कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था से पुरानी पेंशन व्यवस्था में जाने का विकल्प देने की मांग की।
 

UP OPS Scheme - 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन खत्म: जेएन तिवारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन खत्म कर दी। विभिन्न राज्यों ने भी केंद्र सरकार की तरह पुरानी पेंशन को समाप्त करके नई पेंशन प्रणाली लागू की। 


कर्मचारी संगठन नई पेंशन का विरोध करते रहे हैं। कुछ राज्यों ने कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए पुरानी पेंशन को फिर से लिया है, लेकिन तकनीकी समस्याएं बनी हुई हैं। जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन अपनाई है, उन राज्यों के कर्मचारियों का एनपीएस के अंतर्गत दिया गया अंशदान अभी भी नहीं कट गया है।


सरकार ने व्यापक रूप से नई पेंशन योजना शुरू की है। इसमें सरकारी और निजी कर्मचारियों दोनों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। ऐसी स्थिति में सरकार को शायद यह योजना रोकना कठिन होगा। लेकिन सरकारी कर्मचारियों के पास कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। जेएन तिवारी ने कहा कि अगर देश और राज्यों के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में जाने का विकल्प नहीं दिया गया, तो सरकार को इसका भुगतान आने वाले पांच राज्यों और लोकसभा चुनाव में करना पड़ सकता है।

FROM AROUND THE WEB