Property Rights: जीजा भी कर सकता है प्रॉपर्टी बंटवारे में गड़बड़ी, जानिए कानून के नियम!

माता-पिता की संपत्ति में संतान का अधिकार Property Rights
कानून के अनुसार बेटा और बेटी दोनों को माता-पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार है। शादी के बाद भी बेटी अपने माता-पिता की संपत्ति में हकदार रहती है। यहां तक कि बेटी के बच्चों को भी संपत्ति में अधिकार मिलता है।
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संपत्ति बंटवारे का नियम Property Rights
अगर संतान अलग रहना चाहती है, तो संपत्ति का बंटवारा किया जाता है। आमतौर पर बेटियां भाईयों को अपनी संपत्ति दे देती हैं, लेकिन अगर बेटी चाहे तो कानूनी रूप से अपना हिस्सा ले सकती है।
बहन का हिस्सा देने में जीजा की सहमति जरूरी क्यों? Property Rights
अगर बहन अपनी संपत्ति भाइयों के नाम करना चाहती है, तो उसके पति (जीजा) की सहमति जरूरी हो सकती है। जीजा संपत्ति में प्रत्यक्ष हक नहीं रखता, लेकिन वह पत्नी की संपत्ति को लेकर कानूनी अड़चन पैदा कर सकता है।
वसीयत की भूमिका Property Rights
अगर माता-पिता ने वसीयत लिखी है, तो संपत्ति का बंटवारा उसी अनुसार होगा। स्वअर्जित संपत्ति में माता-पिता यह तय कर सकते हैं कि वे अपनी संपत्ति किसे देंगे। वसीयत न होने की स्थिति में संपत्ति बेटा-बेटी में समान रूप से बंटेगी।
बहन पर संपत्ति देने का दबाव नहीं बनाया जा सकता Property Rights
अगर बहन अपनी मर्जी से भाइयों के नाम संपत्ति करना चाहे तो कर सकती है, लेकिन यदि वह न चाहे तो भाइयों को अपना ही हिस्सा लेना होगा। भाई किसी भी स्थिति में बहन पर दबाव नहीं बना सकते।
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प्रॉपर्टी विवाद से बचने के लिए क्या करें? Property Rights
अगर प्रॉपर्टी विवाद हो रहा है, तो कानूनी नियमों का पालन करना जरूरी है। संपत्ति के दस्तावेजों में जिन-जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, उनकी सहमति से ही बंटवारा हो सकता है। असहमति की स्थिति में मामला कोर्ट में जाता है, जहां अंतिम फैसला लिया जाता है। इसलिए पहले से सहमति बनाकर बंटवारा करना ही सही होता है।