Rent Agreement बनवाते समय रखें इन बातों का ध्यान, ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी,

रेंट एग्रीमेंट में किन बातों का होना जरूरी?
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सभी नियमों और शर्तों की पुष्टि करें
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एग्रीमेंट में दर्ज सभी विवरण किराए के समझौते से मेल खाने चाहिए।
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क्या किराया मेंटेनेंस चार्ज के साथ है?
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फ्लैट या घर में मौजूद सामान का विवरण।
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बिजली बिल, पानी का बिल और पार्किंग चार्ज का जिक्र।
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रेंट एग्रीमेंट की समय-सीमा
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एग्रीमेंट 3-4 साल के लिए है या छोटे समय के लिए?
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हर साल किराए में कितनी बढ़ोतरी होगी यह साफ तौर पर लिखा होना चाहिए।
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किराए की राशि और भुगतान की तारीख तय होनी चाहिए।
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लॉक-इन पीरियड और नोटिस अवधि
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यदि किसी भी पक्ष को समझौता तोड़ना पड़े, तो इसके लिए नोटिस पीरियड (Rent Agreement Notice Period) का जिक्र जरूरी है।
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आमतौर पर नोटिस 1 महीने का होता है, लेकिन यह मकान मालिक और किराएदार दोनों की सहमति से तय किया जाता है।
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किराएदार पर लगाए गए प्रतिबंध
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मकान मालिक कई बार किराएदारों पर पालतू जानवर रखने, मेहमानों के ठहरने या सोसायटी पार्किंग के नियमों से जुड़े प्रतिबंध लगाते हैं।
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कोई भी अनुचित शर्त जैसे पासपोर्ट आवेदन पर रोक या अन्य नियमों को स्पष्ट रूप से तय किया जाना चाहिए।
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क्यों जरूरी है रेंट एग्रीमेंट?
रेंट एग्रीमेंट दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा देता है और भविष्य में किसी भी तरह के विवाद से बचने में मदद करता है। जब भी किराए पर घर लें या दें, तो सभी शर्तों को स्पष्ट रूप से रेंट एग्रीमेंट में मेंशन करें।